लखनऊ: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में स्ट्रेचर के लिए परेशान हो रहे मरीज, अब तक नहीं हो सका समस्या का समाधान

लखनऊ: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में स्ट्रेचर के लिए परेशान हो रहे मरीज, अब तक नहीं हो सका समस्या का समाधान

लखनऊ। केजीएमयू प्रशासन लाख दावे करे,लेकिन ट्रामा सेंटर में स्ट्रेचर की समस्या को दूर नहीं कर पा रहा है। इसके लिए हाल ही में केजीएमयू प्रशासन ने ट्रामा सेंटर से वार्डों में मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की, साथ ही यह भी निर्देश दिया था कि कोई भी मरीज स्ट्रेचर से …

लखनऊ। केजीएमयू प्रशासन लाख दावे करे,लेकिन ट्रामा सेंटर में स्ट्रेचर की समस्या को दूर नहीं कर पा रहा है। इसके लिए हाल ही में केजीएमयू प्रशासन ने ट्रामा सेंटर से वार्डों में मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की, साथ ही यह भी निर्देश दिया था कि कोई भी मरीज स्ट्रेचर से वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जाएगा, बल्कि एंबुलेंस के जरिए ट्रामा सेंटर से मरीज वार्डो में भेजे जाएंगे। लेकिन उसके बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। पहले भी मरीजों को स्ट्रेचर के लिए खूब दौड़ भाग करनी पड़ती थी, आज भी ट्रामा सेंटर में मरीजों को स्ट्रेचर नहीं मिल पा रहा है।

केस-1

सुल्तानपुर निवासी रामप्रकाश ने बताया कि वह अपने 13 वर्षीय भतीजे विशाल को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उनके भतीजे को करीब 1 महीने से बुखार आ रहा है, स्थानीय स्तर पर काफी इलाज कराने के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ, हालत बिगड़ने पर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे थे, लेकिन वहां पर बेड ना होने की बात कहकर डॉक्टरों ने केजीएमयू रेफर कर दिया। केजीएमयू ट्रामा सेंटर में भर्ती मिल गई है, लेकिन आधे घण्टे से स्ट्रेचर ना होने की वजह से मरीज को एंबुलेंस में ही रखा हुआ है। गार्ड बार-बार डांट रहे है, लेकिन स्ट्रेचर के बारे में कुछ नहीं बता रहे हैं, पूछने पर कहते हैं, जाओ ढूंढ लाओ।

केस-2

रायबरेली निवासी लवकुश के सिर में एक हादसे के दौरान गंभीर चोट आई थी। स्थानीय स्तर पर परिजनों ने मरीज का इलाज कराया। मरीज की स्थिति गंभीर देखकर वहां के चिकित्सकों ने ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था। 108 एंबुलेंस से परिजन मरीज को लेकर रविवार को ट्रामा सेंटर पहुंचे थे। लेकिन स्ट्रेचर न होने के कारण मरीज को एंबुलेंस से उतार नहीं पा रहे थे।

यह दो मामले बानगी मात्र हैं,केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में आए दिन स्ट्रेचर की कमी बनी रहती है। ट्रामा सेंटर से एंबुलेंस के जरिए विभागों के वार्डो में मरीजों को ले जाने का निर्देश केजीएमयू प्रशासन ने केवल स्ट्रेचर की समस्या से निजात दिलाने के लिए दिया था। उस दौरान केजीएमयू प्रशासन का कहना था कि लोग स्ट्रेचर से मरीज ले जाते हैं और वार्ड में ही स्ट्रेचर को छोड़ दिया करते हैं,जिससे ट्रामा सेंटर में स्ट्रेचर की कमी बन जाती है।

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