बढ़ता प्रभाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन गंगा’ की सफलता का श्रेय वैश्विक पटल पर भारत के बढ़ते प्रभाव को दिया है। भारत का बढ़ता प्रभाव ही है कि यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से हजारों विद्यार्थियों को स्वदेश वापस ला सका है। मंगलवार …
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन गंगा’ की सफलता का श्रेय वैश्विक पटल पर भारत के बढ़ते प्रभाव को दिया है। भारत का बढ़ता प्रभाव ही है कि यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से हजारों विद्यार्थियों को स्वदेश वापस ला सका है।
मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में दावा किया कि रूस-यूक्रेन के बीच थोड़ी-थोड़ी देर के लिए युद्ध विराम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण संभव हो पाया था। राज्यसभा में कांग्रेस ने भी माना कि विदेश मंत्रालय, डिप्लोममेट्स, विदेशों में भारतीय मिशन ने जो काम किया है, वह आसान नहीं है।
गंभीर चुनौतियों के बावजूद भारत अपने 22,500 नागरिकों को सुरक्षित लाने में सफल रहा। वैश्विक स्तर पर धीरे-धीरे भारत का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। विश्व की एक प्रमुख महाशक्ति के रूप में इसका प्रभाव भी नज़र आने लगा है। समसामयिक वैश्विक राजनीति में भारत की बढ़ती भूमिका का एक कारण आर्थिक क्षेत्र में उसकी सफलता है।
महाशक्ति की अन्य साधन-सामग्री के अनुरूप भारत के पास विशाल और निरंतर बढ़ती सैन्य-शक्ति है। भारत वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक खर्च करने वाली पांचवीं सैन्यशक्ति बन गया है। विश्लेषक मानते हैं कि भारत 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सैन्यशक्ति बन जाएगा। भारत अमरीका और चीन (और निश्चय ही यूरोपीय संघ) की तुलना में कहीं अधिक युवा देश है।
इससे यह स्पष्ट है कि देश के पास श्रमिकों की इतनी बड़ी तादाद है कि यह कई दशकों तक अपने आर्थिक और सैन्य कौशल को बरकरार रख सकता है। भारत के यूक्रेन और रूस, दोनों के साथ गहरे व्यापक रिश्ते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन मामले पर भारत का रुख संतुलित रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत सबको साथ लेकर चलने की कोशिश करता है।
भारत का मानना है कि कूटनीति और बातचीत के सिवा मुद्दे सुलझाने का कोई और तरीका नहीं है।’यूक्रेन मामले के बाद दुनिया बदल गई है। अर्थव्यरवस्था पर युद्ध का असर दिखने लगा है। इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नारे का आकर्षण बढ़ऩे के आसार हैं। इसका बुनियादी पहलू रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। जिस तरह से भारत चुनौतियों का सामना करता है, गंभीर मुद्दों को हल करने की उसकी राजनीतिक समझ और सोच पूरे विश्व के लिए कारगर हो सकती है।