पीलीभीत: सैटेलाइट सिस्टम से होगी जंगल की आग की निगरानी

पीलीभीत,अमृत विचार। गर्मी का मौसम नजदीक आते ही लू की गर्म हवाओं के साथ जंगल में आग की घटनाएं होना आम बात हो जाती है, इसलिए पीटीआर के अफसरों ने इस बार जंगल में आग की निगरानी करने के लिए सैटेलाइट सिस्टम का सहारा लिया है। इतना ही नहीं सैटेलाइट के साथ 54 टीमें बनाई …
पीलीभीत,अमृत विचार। गर्मी का मौसम नजदीक आते ही लू की गर्म हवाओं के साथ जंगल में आग की घटनाएं होना आम बात हो जाती है, इसलिए पीटीआर के अफसरों ने इस बार जंगल में आग की निगरानी करने के लिए सैटेलाइट सिस्टम का सहारा लिया है। इतना ही नहीं सैटेलाइट के साथ 54 टीमें बनाई गई। जो जंगल में गश्त करेंगी। ताकि जंगल को आग से सुरक्षित रखा जा सके।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व का जंगल 73 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है। जहां वन्यजीवों के साथ तमाम औषधियों के पेड़ भी मौजूद हैं। गर्मी का मौसम आते ही आग की घटनाएं बढ़ने लगती हैं। ऐसे में आग की खबर जब तक वन विभाग के पास पहुंचती है, तब तक कई एकड़ जंगल जलकर राख हो जाता है।
गुरुवार को महोफ रेंज में हुई आग की घटना में करीब बाघों का सौ एकड़ ग्रासलैंड जलकर राख हो गया। इसको मद्देनजर रखते हुए आग की घटनाओं से निपटने के लिए पीटीआर के अफसरों ने रणनीति तैयार करते हुए मुख्यालय पर कंट्रोल रूम की स्थापना की है। साथ ही फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया सैटेलाइट सिस्टम की मदद से आग की घटनाओं पर नजर रखेगी।
सैटेलाइट की मदद से अगर जंगल में कहीं भी आग लगती है तो सैटेलाइट आग की सूचना को तत्काल एप और कंट्रोल रूम में भेजेगी। जिसमें आग की लोकेशन दी गई होंगी। ताकि वन विभाग की टीम आसानी से घटनास्थल पर पहुंच सके। इसके अलावा 54 टीमें जंगल और खुली सीमाओं पर गश्त कर नजर रखेंगी।
इस सैटेलाइट से जंगल में तापमान के आधार पर भी कंट्रोल रूम को सूचना देगा। डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि आग से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। इस बार सैटेलाइट का भी सहारा लिया जाएगा। ताकि समय रहते जानकारी मिल सके। साथ ही समस्त वन कर्मियों को भी जंगल में गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। फायर लेन भी बनाई जा रही है।
ये भी पढ़ें-
Ukraine में फंसे भारतीयों की वतन वापसी शुरू, स्टूडेंट्स का पहला दल रवाना