पंजाब के पूर्व सीएम का दावा: पाकिस्तान के पीएम ने अनुरोध भेजा, कहा- सिद्धू को अपने मंत्रीमंडल में शामिल कर लो, वो मेरे पुराने मित्र हैं…

पंजाब के पूर्व सीएम का दावा: पाकिस्तान के पीएम ने अनुरोध भेजा, कहा- सिद्धू को अपने मंत्रीमंडल में शामिल कर लो, वो मेरे पुराने मित्र हैं…

 पंजाब। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनाने के लिए उनके पास पाकिस्तान से संदेश आया सिद्धू वर्तमान में कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष हैं। दोनों नेताओं के बीच विवाद गहराने के बाद अंतत: अमरिंदर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से …

 पंजाब। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को दावा किया कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्री बनाने के लिए उनके पास पाकिस्तान से संदेश आया सिद्धू वर्तमान में कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष हैं। दोनों नेताओं के बीच विवाद गहराने के बाद अंतत: अमरिंदर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

इसके बाद कांग्रेस ने एक दलित चेहरे को आगे करते हुए चरणजी सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी। बाद में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने पंजाब लोक कांग्रेस का गठन कर लिया था। आगामी पंजाब चुनाव के मद्देनजर भाजपा का पंजाब लोक कांग्रेस और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन हुआ है।

अमरिंदर और ढींढसा की मौजूदगी में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तीन दलों के बीच सीटों के तालमेल की घोषणा की। इसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि…मैं पाकिस्तान की बात कर रहा हूं…पाकिस्तान से यह मैसेज आया कि मुझे कि प्राइम मिनिस्टर (पाकिस्तान के) ने एक रिक्वेस्ट भेजा है, अगर आप सिद्धू को अपनी कैबिनेट में ले सकते हैं तो मैं आपका आभारी रहूंगा… वह मेरा पुराना दोस्त है… और अगर वह काम नहीं करेगा तो निकाल देना।

सिंह ने यह आरोप भी लगाया कि वर्ष 2017 में राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद जब उन्होंने सिद्धू को अपनी कैबिनेट में शामिल किया था, तब वह कुछ काम नहीं करते थे, इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया था। अमरिंदर ने कहा कि मैंने सिद्धू को पद से हटाया क्योंकि वह इंकम्पीटेंट (अक्षम), यूजलेस (बेकार) था। 70 दिन में उसने एक फाइल पूरी नहीं की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इसके बाद भी जब सिद्धू के रवैये में कोई सुधार नहीं हुआ तो उन्हें हटाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्हें मंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान से संदेश आया था।

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