लखनऊ: रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर आने वाले यात्रियों की नहीं हो रही कोरोना की जांच

लखनऊ: रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर आने वाले यात्रियों की नहीं हो रही कोरोना  की जांच

लखनऊ। विभिन्न प्रदेशों में ओमीक्रॉन के नए मामले पाए जाने के बाद भी प्रदेश में आने वाले यात्रियों की कोरोना संक्रमण की जांच नहीं की जा रही है। ओमीक्रॉन के मंडराते खतरे के बाद भी रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर भी लगातार लापरवाही बरती जा रही है। चारबाग रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर …

लखनऊ। विभिन्न प्रदेशों में ओमीक्रॉन के नए मामले पाए जाने के बाद भी प्रदेश में आने वाले यात्रियों की कोरोना संक्रमण की जांच नहीं की जा रही है। ओमीक्रॉन के मंडराते खतरे के बाद भी रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर भी लगातार लापरवाही बरती जा रही है। चारबाग रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर चिकित्सकों की टीम नहीं आ रही है।

ऐसे में यहां से यात्री आसानी से शहर के अंदर पहुंच रहे हैं। राजधानी में आलमबाग, चारबाग, अवध और कैसरबाग बस अड्डा मौजूद है। इन बस अड्डों पर विभिन्न स्थानों से यात्री आ रहे हैं। जयपुर और चंडीगढ़ के साथ ही प्रदेश भर से यात्री यहां आ रहे हैं। लेकिन बस अड्डों पर कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं है।

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ऐसे में यात्री बिना जांच के ही शहर के अंदर पहुंच रहे हैं। परिहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ पल्लव बोस के अनुसार चिकित्सकों की टीम भेजे जाने के लिए जिलाधिकारी के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखा गया है। लेकिन टीमों का अभाव बना हुआ है। कुछ ऐसा ही हाल चारबाग रेलवे स्टेशन और लखनऊ जंक्शन का भी है। यहां पर दिल्ली, मुम्बई से यात्रियों को लेकर ट्रेनें आ रही हैं। यहां पर भी कोरोना जांच की व्यवस्था नहीं है।

ट्रेन और बस में कम हुई यात्रियों की संख्या…

सर्द हवाओं के चलने के साथ ही ट्रेनों और बसों में यात्रियों की संख्या कम हो गई है। इस मौसम में यात्री अब सफर करने से कतरा रहे हैं। चारबाग रेलवे स्टेशन और कैसरबाग बस अड्डे पर शनिवार को यात्रियों की संख्या बहुत कम नजर आई। चारबाग बस स्टेशन इंचार्ज मो. आमिर के अनुसार सहालग खत्म होने के साथ सर्द हवाओं के चलते यात्री सफर करने से कतरा रहे है।

बसों में यात्री लोड फैक्टर घटकर 70 प्रतिशत पहुंच गया है। पहले इन बसों में 90 प्रतिशत तक लोड फैक्टर होता था। चारबाग आरक्षण केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग 100 से कम पहुंच गई है। 14 दिसम्बर के बाद की ट्रेनों में वेटिंग कम हो गई है।