हिंदू धर्म ग्रहण करने पर पता चला कि धर्म क्या होता है : जितेंद्र नारायण त्यागी

खैराबाद, सीतापुर। इस्लाम धर्म से सनातन हिंदू धर्म में शामिल हुए पहले वसीम रिजवी और अब जितेंद्र नारायण त्यागी खैराबाद के टकपुरवा स्थित भुईंयाताली तीर्थ पहुंचे। यहां वह संत महात्माओं के सानिध्य में हुई बैठक में शामिल हुए। इस दौरान संत महात्माओं ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। बैठक में उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू …
खैराबाद, सीतापुर। इस्लाम धर्म से सनातन हिंदू धर्म में शामिल हुए पहले वसीम रिजवी और अब जितेंद्र नारायण त्यागी खैराबाद के टकपुरवा स्थित भुईंयाताली तीर्थ पहुंचे। यहां वह संत महात्माओं के सानिध्य में हुई बैठक में शामिल हुए। इस दौरान संत महात्माओं ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। बैठक में उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू धर्म विश्व का सबसे प्राचीनतम धर्म है। मूल में सभी सनातन हिंदू धर्म से ही ताल्लुक रखते हैं। समयांतर पर अलग-अलग धर्मों का उदय अवश्य हो गया है, लेकिन मूल सनातन हिंदू धर्म ही है।
सनातन हिंदू धर्म में आने के उपरांत मेरा और मेरे परिवार का गौरव बढ़ा है। मुझे जितना सम्मान मिल रहा है, उसे जीवन में नहीं भूल पाऊंगा। सनातन हिंदू धर्म जीवन जीने की राह बताता है। प्रेम करना सिखाता है। वहीं इस्लाम इसके विपरीत लड़ने की शिक्षा देता है। वहां पर जो शिक्षा दी जाती है उसमें यही बताया गया की हुजूर ने हमें संसार में लड़ने के लिए भेजा है। यदि जीत गए तो राज करेंगे, अगर परास्त हो गए तो जन्नत नसीब होगी। कोई लड़ाई का मुद्दा न होने पर भी लड़ाई के लिए उकसाया जाता है।
मुझे इस्लाम में अपनी बात कहने का हक नहीं मिला। मुझे काफी घुटन महसूस हो रही थी। मैं विगत चार वर्षों से सनातन हिंदू धर्म की ओर आकृष्ट था। इस मुहिम में लगा था कि मेरे साथ इस्लाम धर्म के लोग भी इसको समझें कि हम गलत जगह पर हैं। जहां पर सिर्फ घुटन महसूस हो सकती है। हम अपनी बात नहीं रख सकते हैं। हमें सिर्फ अधर्म के रास्ते पर ले जाने का कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में इस्लाम कोई धर्म नहीं है।
अब वह पूरे राष्ट्र में इसकी मुहिम चलाएंगे। जगह-जगह लोगों को जागृत करके सनातन हिंदू धर्म का मूल संदेश लोगों को समझाएंगे, ताकि देश व देश के लोग अधर्म के रास्ते पर जाने से बचें। फिरका परस्त ताकते देश में पराजित हो सकें। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक बजरंग मुनि ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी का स्वागत किया। संतो ने भी बैठक में अपने विचार रख कर जितेंद्र त्यागी के विचारों का स्वागत किया।
इस अवसर पर संतोष दास, रघुवर दास, भरत दास, विजय दास, मोहनदास, भोला दास, थानाध्यक्ष अरविंद सिंह, अतुल मिश्रा उर्फ लकी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित महिलाओं ने जितेंद्र त्यागी के सिर पर हाथ फेर कर उन्हें भारत माता का सच्चा सपूत बताया और उनके दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया। जितेंद्र त्यागी ने कहा कि उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त कर दी है कि उनका अंतिम संस्कार सनातन हिंदू धर्म से किया जाए।ॉ
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