बरेली: जौहरपुर फैक्ट्री में हुए हादसे में बीएल एग्रो के प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ीं

बरेली: जौहरपुर फैक्ट्री में हुए हादसे में बीएल एग्रो के प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ीं

बरेली, अमृत विचार। बीएल एग्रो की जौहरपुर फैक्ट्री के एटीपी प्लांट की सफाई करने के लिए मजदूरों को टैंक में उतारने में बड़ी लापरवाही बरती गई थी। टैंक में घुटनों तक केमिकल युक्त गंदा पानी भरा था। उसी से टैंक में जहरीली गैस बन गई। ऐसा मंगलवार को फॉरेंसिंक जांच में भी माना गया है। …

बरेली, अमृत विचार। बीएल एग्रो की जौहरपुर फैक्ट्री के एटीपी प्लांट की सफाई करने के लिए मजदूरों को टैंक में उतारने में बड़ी लापरवाही बरती गई थी। टैंक में घुटनों तक केमिकल युक्त गंदा पानी भरा था। उसी से टैंक में जहरीली गैस बन गई। ऐसा मंगलवार को फॉरेंसिंक जांच में भी माना गया है। ऊपर से टैंक का ढक्कन लंबे समय से बंद था। बिना ऑक्सीजन मास्क, बूट और दस्ताने पहने मजदूरों को टैंक में उतारने की वजह से ही मजदूर जहरीली गैस की चपेट में आ गए थे।

फैक्ट्री प्रबंधन की गठित टीम की जांच में भी कई बिंदुओं का खुलासा हुआ है, जिसमें सुरक्षा इंतजाम होने के बावजूद मजदूरों को टैंक में उतारने की लापरवाही सामने आई है। प्रारंभिक जांच में एटीपी प्लांट के प्रमुख एसएस श्रीवास्तव व सुरक्षा अधिकारी प्रभु पांडे को दोषी करार दिया गया है। जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद प्रशासन भी बड़ी जांच करने की तैयारी कर रहा है। भीषण हादसे की जांच कराने के लिए अपर जिलाधिकारी नगर डा. आरडी पांडेय ने डीडीएफ (उप निदेशक फैक्ट्री) को बुलाया है।

डीडीएफ राकेश आगरा में तैनात हैं और बरेली, आगरा मंडल समेत कई अन्य मंडलों में फैक्ट्री प्रबंधन से जुड़े मामलों को देखते हैं। गुरुवार को डीडीएफ के बरेली पहुंचने की बात कही गयी है। प्रशासनिक अधिकारी बताते हैं कि टैंक की सफाई में तीन मजदूरों की मौत होना बड़ा हादसा है। शुरुआत में प्रबंधन की लापरवाही सामने आ चुकी है। मृतक मजदूरों के परिजन यदि कार्रवाई की मांग करते तो डीडीएफ की मौजूदगी में ही फैक्ट्री को सीज किया जा सकता था।

हालांकि फैक्ट्री को सीज करने की नौबत नहीं आई। फैक्ट्री में करीब 400 कर्मचारी कार्यरत हैं। टैंक की सफाई करने के दौरान तीन मजदूरों की मौत होने से फैक्ट्री के कर्मचारियों में दहशत बनी हुई है। जिस टैंक में हादसा हुआ, उसके बगल वाला टैंक तो पूरा गंदगी से भरा हुआ है। उसे साफ कराने की भी तैयारी थी लेकिन हादसा होने से उसकी सफाई रोक दी गई।

हादसे की एडीएम सिटी खुद न्यायिक जांच करेंगे
अपर जिलाधिकारी नगर डा.आरडी पांडेय ने बताया कि टैंक में बिना सुरक्षा उपकरणों के मजदूरों को उतारने में लापरवाही तो हुई है। कई घंटे वह खुद फैक्ट्री में रहे और एक-एक चीज को बारीकी से परखा। प्रकरण की वह खुद न्यायिक जांच करेंगे। उन्होंने पहले डीडीएफ आगरा को जांच के लिए बुलाया है।

प्रशासन के दबाव में मृतकों को दिए थे 8.5-8.5 लाख रुपये
एटीपी टैंक में घुसने के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आकर मरे तीन मजदूरों के परिजनों ने जब फैक्ट्री प्रबंधन से 10-10 लाख रुपये मुआवजे की मांग की तो फैक्ट्री प्रबंधन शुरुआत में एक दो लाख ही दे रहा था। कहासुनी के बाद 5-5 लाख रुपये देने को राजी हुआ लेकिन इससे अधिक देने से इंकार कर दिया। इस पर पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने प्रबंधन से जुड़े लोगों को कसा। मजदूरों के परिजनों को उनकी मांग के अनुसार मुआवजा देने पर जोर दिया।

इसके बाद प्रबंधन 6.50 लाख देने पर राजी हुआ। अफसरों ने फिर कहा, तब प्रबंधन मजदूरों के परिजनों को 8.50-8.50 लाख रुपये देने को तैयार हुआ था। अपर जिलाधिकारी नगर ने प्रबंधन को यह भी निर्देश दिए थे कि चार-चार लाख का चेक बनाएं। चार लाख मृतक की पत्नी व चार का चेक उसके बच्चों व मां-बाप के नाम बनाएं।

फॉरेंसिक टीम ने लिये थे नमूने, कराएंगे जांच
अपर जिलाधिकारी नगर डा.आरडी पांडेय ने बताया कि घटनास्थल पर काफी देर तक फॉरेंसिक टीम ने भी जांच की और टैंक में भरी गंदगी के नमूने भी लिये। नमूनों की जांच जल्द मंगाने के लिए फॉरेंसिक टीम के अधिकारियों से बात करेंगे। टैंक में गंदगी से बनी जहरीली गैस के बारे में नमूनों की जांच के बाद सही जानकारी मिल सकेगी।

हादसे में एटीपी प्लांट प्रमुख व सुरक्षा अधिकारी दोषी करार
बीएल एग्रो की जौहरपुर फैक्ट्री में मंगलवार को एटीपी प्लांट की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की मौत होने के मामले में फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से गठित टीमों ने बुधवार को हादसे की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में फैक्ट्री के दो वरिष्ठ पदों पर तैनात अधिकारियों की लापरवाही पाई गई है। एटीपी प्लांट के प्रमुख एसएस श्रीवास्तव व सुरक्षा अधिकारी प्रभु पांडे को दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दोनों से जवाब मांगा गया है।

इधर भोजीपुरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए गए नितिन मिश्रा, प्रवीण, हेमराज, प्रभात कुमार की हालत में सुधार बताया गया है। जल्द अस्पताल से छुट्टी मिलने की बात सामने आई है। बता दें कि मंगलवार को बीएल एग्रो के तीन मजदूर यासीन, नीरज, विजय एटीपी प्लांट की सफाई के दौरान 15 फीट गहरे टैंक में सफाई करने के लिए उतरे थे। टैंक के अंदर जहरीली गैस के संपर्क में आने से तीनों बेहोश हो गए थे। काफी देर तक वे बाहर नहीं आए तब चार अन्य मजदूर टैंक में उतरे तो वे भी बेहोश हो गए थे। सभी को गंभीर हालत में भोजीपुरा स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान यासीन, नीरज व विजय ने दम तोड़ दिया था।

हालांकि फैक्ट्री प्रबंधन और मृतक के परिजनों के बीच मंगलवार देर शाम मुआवजे पर समझौता हो गया था। फैक्ट्री के डीजीएम एचआर प्रेम बाबू शर्मा ने बताया कि अभी पूरे मामले में दो कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मामले में गहन जांच की जा रही है। घटना के अन्य कारणों का पता लगाया जा रहा है।