हल्द्वानी: अब बस 22 दिन ही बची डीआरडीओ कोविड अस्पताल की मियाद

नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार। कोविड की दूसरी लहर के दौरान कोरोना से निपटने के लिए डीआरडीओ ने बीसी जोशी कोविड अस्पताल के नाम से मेडिकल कॉलेज को एक फैब्रीकेटेड अस्पताल बनाकर दिया था। इस अस्पताल की मियाद इस माह खत्म होने वाली है। फिलहाल कोविड के मरीज कम होने से अस्पताल का इस्तेमाल कम …
नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार। कोविड की दूसरी लहर के दौरान कोरोना से निपटने के लिए डीआरडीओ ने बीसी जोशी कोविड अस्पताल के नाम से मेडिकल कॉलेज को एक फैब्रीकेटेड अस्पताल बनाकर दिया था। इस अस्पताल की मियाद इस माह खत्म होने वाली है। फिलहाल कोविड के मरीज कम होने से अस्पताल का इस्तेमाल कम हो पा रहा है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए डीआरडीओ ने 15 करोड़ रुपए की लागत से अस्थायी अस्पताल बनाकर दिया था। इसमें 100 आक्सीजन बेड, 125 आईसीयू बेड बने हैं। इस अस्पताल में कुल 500 बेड हैं। जब इस अस्पताल का निर्माण शुरू किया था, तब उत्तराखंड में कोविड की दूसरी लहर चरम पर चल रही थी। उस वक्त माना जा रहा था कि जल्द ही कोविड की तीसरी लहर भी शुरू हो जाएगी।
लेकिन पिछले पांच माह से कोविड के मामलों में लगातार कमी आ रही है और मौजूदा समय में कोविड के कुछ ही मामले देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में इस अस्पताल में मरीजों को भर्ती किया जाना भी बहुत कम हो गया है। अस्थाई तौर पर बने इस अस्पताल की मियाद 30 नवंबर तक की है।
इसके नोडल अधिकारी सुशीला तिवारी अस्पताल के एमएस होते हैं। इधर, मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस जुगत में लगा है कि इस अस्पताल का अनुबंध आगे बढ़ाया जाए जिससे आने वाले दिनों में फिर कभी कोविड या अन्य बीमारियों का प्रकोप होगा तब अतिरिक्त बेड होने की वजह से मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
डीआरडीओ द्वारा बनाए गए बीसी जोशी कोविड अस्पताल का अनुबंध 30 नवंबर तक है। कोशिश की जा रही है कि यह मियाद आगे भी बढ़े।- डा. अरूण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज