लखनऊ: बंदी रूपेश आत्महत्या केस में जेल प्रशासन ने दी सफाई, जानें क्या कहा?
लखनऊ। जिला जेल में बंदी रूपेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जेल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं पुलिस और जेल प्रशासन पीएम रिपोर्ट में रूपेश की मौत का कारण हैगिंग बता रही है। जेल प्रशासन की ओर से रूपेश की पीएम रिपोर्ट में सिर फटा होने और पैरों में लाठियों से पिटाई …
लखनऊ। जिला जेल में बंदी रूपेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जेल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं पुलिस और जेल प्रशासन पीएम रिपोर्ट में रूपेश की मौत का कारण हैगिंग बता रही है। जेल प्रशासन की ओर से रूपेश की पीएम रिपोर्ट में सिर फटा होने और पैरों में लाठियों से पिटाई के निशान जैसी बात से साफ इंकार कर दिया। हालांकि जिला कारागार ने पूरे मामले की डीआईजी रेंज जेल से जांच कराने का अनुरोध किया है।
डीजी जेल के प्रवक्ता संतोष कुमार ने कहा कि पीएम रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं है। डाक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमार्टम कराया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिला कारागार की ओर से एक प्रेस नोट जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि अपराध संख्या 362 /21 धारा 395, 412 आईपीसी थाना गोसाईगंज के तहत 12 अगस्त 2021 को ग्राम जलालपुर थाना बिसवां, जिला सीतापुर निवासी निरूद्ध विचाराधीन बंदी रूपेश ने बीते 26 अक्टूबर की रात 12:14 बजे सर्किल नम्बर एक की बैरक नंबर 4/23 के शौचालय में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
बन्दी के पास से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसके अनुसार उसने खुद के निर्दोष होते हुए भी जेल में निरुद्ध किए जाने की वजह से आत्महत्या की बात लिखी है। प्रथमदृष्टया कारागार प्रशासन से उसे कोई शिकायत नहीं थी, इसलिए जिला कारागार लखनऊ के अधीक्षक की ओर से प्रकरण की न्यायिक जांच के लिए अनुरोध किया गया है। कारागार मुख्यालय की ओर से परिक्षेत्रीय डीआईजी कारागार शैलेन्द्र मैत्रेय से जांच कराए जाने के आदेश जारी हुए है। पूरे मामले की जांच के बाद स्थित साफ होगी।