लखनऊ दौरे पर प्रधानमंत्री देखेंगे अयोध्या विजन, खाका तैयार

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लखनऊ आ रहे हैं। अयोध्या को लेकर उनकी दृष्टि और सोच है कि देश जब 2047 में आजादी का स्वर्ण जयंती वर्ष मनाए तब तक अयोध्या देश और दुनिया का प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और संस्टेनेबल स्मार्ट सिटी बन जाए। इसी के दृष्टिगत नगरीय विकास परियोजना के …
अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लखनऊ आ रहे हैं। अयोध्या को लेकर उनकी दृष्टि और सोच है कि देश जब 2047 में आजादी का स्वर्ण जयंती वर्ष मनाए तब तक अयोध्या देश और दुनिया का प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और संस्टेनेबल स्मार्ट सिटी बन जाए। इसी के दृष्टिगत नगरीय विकास परियोजना के तहत अयोध्या विजन 2047 पर काम चल रहा है। अब दोबारा लखनऊ आ रहे प्रधानमंत्री के सम्मुख प्रस्तुत करने के लिए इसी विजन का नया ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।
माना जा रहा है कि 2047 तक अयोध्या में प्रतिवर्ष दस करोड़ लोग आएंगे। इसे देखते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से तमाम बुनियादी ढांचों व विकास की परियोजनाओं पर फोकस किया जा रहा है। अयोध्या को वैश्विक,अत्याधुनिक, आध्यात्मिक नगरी के साथ-साथ तमाम सारी जनसुविधाओं से सुसज्जित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। कुछ योजनाएं तो धरती पर उतर चुकी हैं, लेकिन कई बड़ी परियोजनाओं को अभी धन की आस है। इसमें से कई के डीपीआर बन चुके हैं और सरकार से धन की डिमांड भी की जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने जिन योजनाओं का खाका परोसा जाएगा उनमें अयोध्या नगर निगम में ड्रेनेज व्यवस्था, कलेक्ट्रेट कार्यालय के समीप बहुस्तरीय स्मार्ट कार पार्किंग, नगर की सीवरेज व्यवस्था, जलापूर्ति सुविधा, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन सहित पार्को के सौंदर्यीकरण व विकास की योजनाएं शामिल हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष 10 करोड़ आगंतुकों की आवश्यकताओं तथा 25 लाख निवासियों (एडीए क्षेत्र में 2047 तक) को ध्यान में रखते हुए अनेक कदम उठाये हैं। इनमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनलों, अयोध्या रेलवे स्टेशन तथा अयोध्या धाम बस स्टेशन का विकास, अयोध्या के 6 सम्पर्क मार्गों का चौड़ीकरण कर क्षेत्र के संपर्क को शुद्ध करना, बाहरी रिंग रोड का विकास, वैदिक नगर सिद्धान्त योजना पर आधारित 1200 एकड़ में ग्रीनफिल्ड टाउनशिप, तीर्थ यात्रियों के अनुकूल परिक्रमा मार्गों का विकास, सरयू नदी तट पर डेवलेपमेंट, पर्यटन सुविधा केंद्र व अन्तराष्ट्रीय संग्रहालय का विकास शामिल है।
कुछ ऐसी हैं परियोजनाएं…
बहुस्तरीय स्मार्ट कार पार्किंग
कलेक्ट्रेट कार्यालय के समीप 37.08 करोड़ की लागत से बहुस्तरीय स्मार्ट कार पार्किंग विकसित होगी। 403 दो पहिया, 273 चार पहिया खड़ी करने की व्यवस्था होगी। 15 दुकानें भी बनेंगी।
मैकेनाइज्ड स्वीपिंग
नगर क्षेत्र में मैकेनाइज्ड स्वीपिंग के साथ सभी सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों की मैकेनाइज्ड क्लीनिंग एवं अयोध्या धाम क्षेत्र के 15 वार्डों की संपूर्ण सफाई की व्यवस्था होगी। पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष खर्च आना है।
अयोध्या नगर निगम में जलापूर्ति सुविधा
जलापूर्ति योजना चरण-3 के अंतर्गत वितरण नेटवर्क, ओवर हेड टैंक्स और ट्यूबवेल के माध्यम से 1,521 घरेलू सेवा कनेक्शन की सुविधा के लिए कार्य प्रगति पर है। हालांकि 100% क्षेत्र में सेवा प्रदान करने के लिए 612 किमी. नेटवर्क में जलापूर्ति द्वारा 30,000 घरों को सुविधा हेतु अतिरिक्त 170 करोड़ की आवश्यकता है।
सीवरेज व्यवस्था
वर्तमान में 91 किमी. सीवरेज नेटवर्क में 9.684 (12%) घरों द्वारा उत्पन्न सीवरेज उपचार हेतु 12 एमएलडी एसटीपी संचालित है। अमरूत योजना के अन्तर्गत 20,000 घरेलू सेवा कनेक्शन बिछाने हेतु 133.54 किमी. सीवरेज नेटवर्क हेतु 243.84 करोड़ लागत की कार्य योजना प्रगति पर है। 12 एमएलडी एसटीपी को 18 एमएलडी क्षमता विस्तार का कार्य प्रगति पर है। 100% क्षेत्र में सेवा प्रदान करने के लिए 747.46 किमी सीवरेज नेटवर्क में 50,316 घरों को सुविधा हेतु अतिरिक्त 600 करोड़ की आवश्यकता है।
ड्रेनेज व्यवस्था
अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में 21 नालों से 29 एमएलडी कचरा सरयू नदी में प्रवाहित हो रहा है। 21 नालों में से 5 को टैप किया गया है जो कि वर्तमान में रामघाट अयोध्या के 12 एमएलडी एसटीपी में से 4 एमएलडी कचरे को उपचारित कर रहे हैं। 3.88 किमी. लंबे इन्टरसेप्टर सीवर और सरयू नदी में प्रवाहित कचरे को उपचारित करने के लिए प्रस्तावित 33 एमएलडी एसटीपी, 42.5 एमएलडी मुख्य पंपिंग स्टेशन के विकास तथा 15 नालों के डिस्चार्ज प्वाइंट को टैप करने हेतु निविदा प्रक्रिया गतिमान है। 15 वर्षों के संचालन और रख-रखाव सहित एनएमसीजी द्वारा वित्तपोषित बुनियादी ढांचे की अनुमानित लागत 221.66 करोड़ रुपये है।
32 पार्कों का विकास
6.13 करोड़ रुपये की लागत से नगर क्षेत्र के 32 पार्कों का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे अयोध्या की सुंदरता को चार चांद लग जाएंगे।
कौशल्या सदन
अयोध्या नगर निगम क्षेत्र से लगभग पांच किमी दूर मलिकपुर गांव में 5 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। 29. 97 करोड़ लागत की विकास परियोजना का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। प्रस्तावित विकास योजना में वृद्धजनों हेतु 100 शैय्या, 75 शैय्या महिलाओं के लिए, 50 शैय्या भिक्षुओं के लिए, 150 शैय्या सम्पेक्ष हेतु, प्रशासनिक भवन, वार्डन रूम, साइट विकास, खेल का मैदान तथा अन्य सुविधाएं कार्य कराया जाना है।
इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस)
आईटीएमएस के लिए संस्था का चयन कर कार्य प्रारम्भ हो गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस सिस्टम पर करीब 39 करोड़ खर्च होंगे। 22 चौराहों पर इसके लग जाने के बाद यातायात में सुधार होगा। चार जगह हॉटस्पॉट के लिए चिन्हित किए गए हैं, जिसमें हनुमान गढ़ी, राम जन्मू भूमि(जहां तक मोबाइल ले जाने की सुविधा होगी), श्री राम हॉस्पिटल एवं अयोध्या बस स्टेशन शामिल हैं।
आजादी के स्वर्ण जयंती वर्ष में पूर्ण रूप से विकसित आध्यात्मिक नगरी अयोध्या दुनिया को एक तोहफा होगी। इसके विकास का खाका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खींचा गया है। उसी के अनुरूप एक-एक कर विकास योजनाओं पर काम चल रहा है… ऋषिकेश उपाध्याय, मेयर, अयोध्या।