स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति

स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति

देश के नागरिकों को सस्ती और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार नई योजना प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (पीएम-डीएचएम) शुरू कर रही है। इसके पीछे देश में उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करना व राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की मंशा है। कहा जा सकता है कि यह योजना स्वास्थ्य के …

देश के नागरिकों को सस्ती और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार नई योजना प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (पीएम-डीएचएम) शुरू कर रही है। इसके पीछे देश में उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करना व राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की मंशा है। कहा जा सकता है कि यह योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आएगी। योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को करेंगे।

अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के नाम से चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, दादरा-नगर हवेली, लक्षद्वीप और लद्दाख में चल रही है, जिसके तहत अब तक लगभग 11.9 लाख से ज्यादा लोगों को डिजिटल स्वास्थ्य पहचान (यूएचआई) दी जा चुकी है। साथ ही 3106 चिकित्सकों एवं 1490 स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी सुविधाओं ने इस मंच पर पंजीकरण कराया है। इसे 74 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था।

अब इसे देश में पूरे देश में लागू किया जाएगा। योजना के तहत, प्रत्येक देशवासी को एक स्वास्थ्य पहचान पत्र दिया जाएगा, जो स्वास्थ्य खाते के रूप में काम करेगा, जिसमें व्यक्ति की पिछली चिकित्सा स्थितियों, उपचार और निदान के बारे में भी जानकारी शामिल होगी। हेल्थ आईडी की मदद से व्यक्ति के मेडिकल रिकॉर्ड को देखा जा सकेगा। अगर कोई व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है तो चिकित्सक उसके यूएचआई की मदद से यह जान लेगा कि उसने कब-कब डॉक्टर को दिखाया है। साथ ही उसने कब कौन सी दवाएं खायी हैं।

इससे यह सुविधा भी होगी कि दूरदराज के गांवों में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को जिले के अस्पताल में दिखाने के लिए समय मिल जाएगा। सरकार का मानना है कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कम खर्च में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जा सकती हैं।
मिशन पूरी तरह से प्रोद्योगिकी आधारित है और इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में न केवल क्रांति आने की उम्मीद की जा सकती है बल्कि वन नेशन वन हेल्थ कार्ड की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।

इस कदम से पारदर्शिता आएगी और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। इससे मेडिकल फाइलें रखने या अस्पतालों से बड़ी मात्रा में दस्तावेज संभालकर रखने की समस्या में भी कमी आएगी। विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का दुरुपयोग नहीं हो पाएगा। कुल मिलाकर यह मिशन संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि होगी। हालांकि शहरों से दूर इंटरनेट कनेक्टिविटी और बिजली की समस्या से जूझ रहे गांवों में इस योजना को लागू करना एक बड़ी चुनौती होगी।