वाराणसी: काशी विद्यापीठ तैयार करेगा ‘पुरोहित’ और ‘गुरु’, नए सत्र से होगी इस कोर्स की शुरुआत

वाराणसी: काशी विद्यापीठ तैयार करेगा ‘पुरोहित’ और ‘गुरु’, नए सत्र से होगी इस कोर्स की शुरुआत

वाराणसी। जिले में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय अब पुरोहित और गुरु तैयार करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय में कर्मकांड की पढ़ाई होगी। इसमें स्टूडेंट्स को पूजा पद्धति से लेकर संस्कार तक की शिक्षा दी जाएगी। भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने ये कदम उठाया है। कर्मकांड पर आधारित इस नए कोर्स की …

वाराणसी। जिले में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय अब पुरोहित और गुरु तैयार करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय में कर्मकांड की पढ़ाई होगी। इसमें स्टूडेंट्स को पूजा पद्धति से लेकर संस्कार तक की शिक्षा दी जाएगी। भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने ये कदम उठाया है। कर्मकांड पर आधारित इस नए कोर्स की शुरुआत नए सत्र से होगी।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के सी त्यागी ने बताया कि आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स, पुलिस के अलावा अन्य विभागों में गुरुओं की आवश्यकता होती है। इन विभागों को हमलोग स्किल्ड गुरु दे सके। इसके लिए विश्वविद्यालय कर्मकांड में डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत करने जा रहा है। इस कोर्स से हम लोग आर्मी और पैरामिलिट्री को स्किल्ड गुरु दे सकेंगे।

भारतीय संस्कृति का होगा प्रचार प्रसार

प्रो. के सी त्यागी ने बताया कि काशी की पांडित्य परम्परा पर आधारित कोर्स से देशभर में भारतीय संस्कृति और कर्मकांड का प्रचार प्रसार होगा। इसके साथ ही युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
छात्रों में उत्साह का माहौल
कर्मकांड पर विश्वविद्यालय में पहली बार डिप्लोमा के इस नए कोर्स की शुरुआत होने से छात्रों में भी खुशी का माहौल है। विश्वविद्यालय के स्टूडेंट ऋषभ चतुर्वेदी ने बताया कि इस नए कोर्स की शुरुआत से भारतीय संस्कृति और पांडित्य परम्परा को हम लोग अच्छे से जान और समझ सकेंगे। राघवेंद्र ने बताया कि छात्र होने के नाते ये हमारे लिए गर्व और खुशी की बात है कि काशी की संस्कृति को यहां पढ़ाया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन का ये कदम सराहनीय है।