बरेली के फतवों पर आला हजरत खानदान के बुजुर्ग उठा रहे सवाल

बरेली के फतवों पर आला हजरत खानदान के बुजुर्ग उठा रहे सवाल

बरेली, अमृत विचार। सुन्नियत के मरकज बरेली से निकलने वाले फतवों की गूंज पूरी दुनिया में है मगर इन फतवों पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठाने वाले कोई और नहीं बल्कि आला हजरत के खानदान के बुजुर्ग ही हैं जो इन फतवों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इन दिनों मरकजी …

बरेली, अमृत विचार। सुन्नियत के मरकज बरेली से निकलने वाले फतवों की गूंज पूरी दुनिया में है मगर इन फतवों पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठाने वाले कोई और नहीं बल्कि आला हजरत के खानदान के बुजुर्ग ही हैं जो इन फतवों को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इन दिनों मरकजी दारूल इफ्ता से जारी हुए एक फतवे ने हंगामा खड़ा कर दिया है।

दरअसल, मुंबई की मदीना मस्जिद के इमाम मुफ्ती सलमान अजहरी को लेकर वहां के ट्रस्टी द्वारा एक फतवा मांगा गया था जिसके बाद फोटो खिंचवाने की बिनाह पर सलमान अजहरी को घोषित कर दिया गया कि वह इमामत के लायक नहीं। इस फतवे को देने वाले मुफ्ती पर खानदान के बुजुर्ग मन्नानी मियां ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पैसे लेकर फतवा जारी किया गया है।

फतवे के मुताबिक मुंबई की मदीना मस्जिद के इमाम मुफ्ती सलमान अजहरी इमामत के लायक नहीं हैं। उन्हें मस्जिद के इमाम की जिम्मेदारी से फौरन हटाए जाने का हुक्म हुआ है। मुफ्ती सलमान अजहरी मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। पिछले करीब पांच साल से मुंबई में इमामत कर रहे हैं। उन पर आरोप है कि वह फोटो खिंचवाते हैं।

ऐसा ही एक फतवा पिछले साल 2020 में भी सलमान अजहरी के खिलाफ जारी हुआ था, तब वह बरेली आए थे और काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रजा कादरी के सामने अपने गुनाहों से तौबा की थी। लिहाजा उनके खिलाफ जारी हुक्म को वापस ले लिया गया। दरअसल, सलमान अजहरी जिस मस्जिद में इमामत करते हैं वहां के ट्रस्टियों ने यह फतवा मांगा था। अब खानदान के बुजुर्ग मन्नानी मियां ने एक वायरल आडियो में यह कहकर भूचाल ला दिया है कि ट्रस्टियों से पैसा लेकर फतवा जारी किया गया है।

मन्नानी मियां ने आरोप लगाया कि जिस मुफ्ती ने फतवा दिया वह पैसा लेकर फतवा जारी करते हैं। सुन्नियत के मरकज बरेली से जारी होने वाले फतवों को दुनिया भर में सुन्नियत के पैगाम के तौर पर देखा जाता है मगर खानदान के ही किसी बुजुर्ग द्वारा फतवे को लेकर इस तरह की बातें सोचने पर मजबूर करती हैं। दूसरी तरफ इस फतवे को पूर्व में हुए एक घटना क्रम से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

पिछले दिनों दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद रजा खां के दामाद सलमान हसन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गए थे। इस पर दरगाह के सबसे बुजुर्ग शख्स मन्नानी मियां ने सख्त नाराजगी जताई। इस घटनाक्रम के समय भी मुंबई की मदीना मस्जिद के इमाम मुफ्ती सलमान अजहरी मन्नानी मियां के साथ खड़े नजर आए थे।