यूपी: मुख्यमंत्री योगी ने कृषि को बताया प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़

यूपी: मुख्यमंत्री योगी ने कृषि को बताया प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। विषम परिस्थितियों में भी कृषि और किसानों का कल्याण प्रदेश सरकार का मुख्य लक्ष्य है। कोविड-19 की वैश्विक महामारी देश के लिए चुनौतीपूर्ण रही है। स्वस्थ जीवन, व्यक्ति की सबसे बड़ी आवश्यकता है। समुचित पोषण एवं सुरक्षित भोजन वर्तमान परिवेश की …

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। विषम परिस्थितियों में भी कृषि और किसानों का कल्याण प्रदेश सरकार का मुख्य लक्ष्य है। कोविड-19 की वैश्विक महामारी देश के लिए चुनौतीपूर्ण रही है। स्वस्थ जीवन, व्यक्ति की सबसे बड़ी आवश्यकता है। समुचित पोषण एवं सुरक्षित भोजन वर्तमान परिवेश की सबसे बड़ी चुनौती है। कोविड कालखंड में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किसानों ने अनाज, दलहन, तिलहन, सब्जी, फल, दूध आदि की प्रचुर उपलब्धता आमजन को उपलब्ध कराई हैं।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के संबंध में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। वर्चुअल माध्यम से तीन चरणों में इस सम्मेलन का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। सम्मेलन को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी संबोधित किया।

योगी ने सम्मेलन के आयोजन के लिए दोनों केंद्रीय मंत्रियों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इस आयोजन से राज्यों को कृषि एवं किसान कल्याण के संबंध में रणनीति बनाने में सहायता मिलेगी। इस प्रकार निर्मित रणनीति का सफल क्रियांवयन करके प्रधानमंत्री के किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को सफलतापूर्वक मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में देश ने सर्वांगीण विकास के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं।

देश में पहली बार मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए। एमएसपी के तहत किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने के साथ ही, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को आर्थिक सहायता सुलभ कराई गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सहित विभिन्न योजनाएं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित की गईं। साथ ही उन्होंने प्रदेश में साढ़े चार साल में किसान के हित में चलाई जा रही योजनाओं और उससे लाभान्वित लोगों की आकड़ावार जानकारी दी।

योगी का सुझाव हिंदी भाषा में हो पोर्टल

मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार ने कृषि अवसंरचना निधि की स्थापना की है ताकि किसान अपनी उपज का उचित मूल्य पा सकें। इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा फार्मगेट एवं समेकन केंद्र (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पादन संगठन, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप, मंडी समिति, एफपीओ) के वित्त पोषण के लिए एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सुविधा कृषि अवसंरचना निधि द्वारा दी गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि अवसंरचना निधि का पोर्टल अंग्रेजी भाषा में होने के कारण किसानों को योजना समझने और आवेदन करने में कठिनाई हो रही है इसलिए पोर्टल को हिन्दी भाषा में भी संचालित कराया जाए।

पायलेट प्रोजेक्ट से जुड़ेंगे तीन जिले

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश के किसानों का एक डाटाबेस तैयार किए जाने की योजना है, जिसमें किसानों के कल्याण के लिए संचालित सभी योजनाओं को लिंक किया जाएगा। किसानों को समय-समय पर एडवाइजरी उपलब्ध कराई जाएगी और उनके उत्पादों के उचित विपणन की व्यवस्था की जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के तीन जिलों मथुरा, मैनपुरी तथा हाथरस को शामिल किया गया है।

अमरोहा व वाराणसी में बन रहे नए पैक हाउस

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते छह माह में कानपुर से गंगा के किनारे उत्पादित जामुन का मई-जून में करीब पांच हजार किग्रा का पहली बार यूके को निर्यात किया गया है। जामुन निर्यात से किसानों को 35 से 40 रुपये प्रति किग्रा के स्थान पर लगभग 70 रुपये प्रति किग्रा मिला है। प्रदेश में कृषि निर्यात के लिए दो पैक हाउस लखनऊ और सहारनपुर में स्थापित हैं। लखनऊ पैक हाउस का इंटीग्रेटेड पैक हाउस के रूप में आधुनिकीकरण किया जा रहा है और अमरोहा व वाराणसी में नए पैक हाउस निर्मित किए जा रहे हैं।