ग्रामीण महिलाओं के जीवन में कीर्ति बिखेर रहीं ग्राम प्रधान

ग्रामीण महिलाओं के जीवन में कीर्ति बिखेर रहीं ग्राम प्रधान

सीतापुर। पहला विकास खंड के बहटूटपुर गांव की प्रधान कीर्ति देवी ने स्नातक की डिग्री हासिल की है। वह पहली बार प्रधान बनी हैं, उन्हें राजनीति की बहुत समझ भले ही न हो लेकिन नारी सशक्तिकरण, गांव के विकास और पंचायत को मजबूत बनाने के बारे में उनकी राय एकदम स्पष्ट हैं। वह कहती हैं …

सीतापुर। पहला विकास खंड के बहटूटपुर गांव की प्रधान कीर्ति देवी ने स्नातक की डिग्री हासिल की है। वह पहली बार प्रधान बनी हैं, उन्हें राजनीति की बहुत समझ भले ही न हो लेकिन नारी सशक्तिकरण, गांव के विकास और पंचायत को मजबूत बनाने के बारे में उनकी राय एकदम स्पष्ट हैं। वह कहती हैं कि क्षेत्र की बालिकाएं अधिकाधिक शिक्षित हो बुलंदी पर पहुंचे। वह महिलाओं को घूंघट और घर की चारदीवारी से बाहर निकालना चाहती है। वह कहती हैं कि शिक्षा व खेल के तालमेल में बेहतर भविष्य बनाएं। उनका मानना है कि रूढ़ीवादी परम्पराएं बालिकाओं और महिलाओं के विकास में बाधक है। महिलाएं घर से बाहर निकल आर्थिक रूप से सक्षम बनें।

उनकी तरक्की के तमाम रास्ते खुले पड़े हैं। ग्राम पंचायत को लेकर शासन स्तर से छह समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों की हर माह नियमित रूप से बैठक होती है और इन बैठकों में वह स्वयं उपस्थित होती हैं। वह बताती हैं कि बालिका शिक्षा और नारी सशक्तिकरण पर हमारा विशेष फोकस है। उनकी कोशिश है कि उनकी ग्राम पंचायत आदर्श ग्राम पंचायत बने। वह बताती हैं कि बात चाहें गांव के विकास की हो या फिर महिलाओं को सशक्त बनाने की परिवार के सदस्यों, पंचों सभी से विचार-विमर्श करती हूं, उनके सुझाव भी लेती हूं, लेकिन अपनी विचारधारा के अनुरूप बिना किसी बाहरी दखल के निर्णय लेती हूं।

नारी सशक्तीकरण को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में वह कहती हैं कि महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए मेरे प्रधान बनने के बाद मेरे प्रयासों से गांव में दो स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन दोनाें समूहों में से प्रत्येक को 1.10 लाख रुपए राष्ट्रीय आजीविका मिशन से मिल चुके हैं। इस धनराशि से समूह की कुछ महिलाएं बकरी पालन कर रहीं हैं, तो कुछ किराना की दुकान कर रही हैं और कुछ महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन, चूड़ी आदि की दुकान कर रहीं हैं।

विशेष रूप से महिलाओं को खुले में शौच न जाना पड़े इसको लेकर गांव में सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण कराया गया है। पेस (पार्टीसेपेटरी एक्शन फार कम्युनिटी एम्पॉवरमेंट) संस्था की जिला समंवयक बीना पांडेय बताती हैं कि ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों की समझ को बढ़ाने, उन्हें पंचायती राज व्यवस्था, ग्राम पंचायत के विकास, शासकीय योजनाओं व उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए संस्था द्वारा पहला ब्लॉक के 30 गांवों में पंचायती राज सशक्तीकरण परियोजना का संचालन किया जा रहा है। जिसके तहत हर माह पंचायत की समितियों की बैठक होती है। इसी का परिणाम है कि प्रधान जागरूक हो रहे हैं, और वह बेहतर प्रयास कर रहे हैं।

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