कोर्ट का फैसला : जिले में दो लोगों को मिली दस साल की सजा

कोर्ट का फैसला : जिले में दो लोगों को मिली दस साल की सजा

अमृत विचार, हरदोई। जनपद न्यायाधीश राजकुमार सिंह ने एक फैसले में पत्नी को खुदकुशी के लिए विवश करने के मामले में आरोपित पति को जुर्म साबित होने पर 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। जज ने आरोपित पर ₹10000 का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए प्रभारी जिला …

अमृत विचार, हरदोई। जनपद न्यायाधीश राजकुमार सिंह ने एक फैसले में पत्नी को खुदकुशी के लिए विवश करने के मामले में आरोपित पति को जुर्म साबित होने पर 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। जज ने आरोपित पर ₹10000 का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि थाना टडियावा क्षेत्र के भोलापुरवा निवासी रामाधार पर अपनी पत्नी आरती को खुदकुशी के लिए विवश करने का आरोप रहा।

इस मामले की रिपोर्ट आरोपित के खिलाफ महिला के पिता राजेंद्र प्रसाद निवासी हरियावां ने दर्ज कराई ।कहा कि उसने अपनी बेटी की शादी आरोपित रामाधार के साथ करीब चार वर्ष पूर्व की थी ।

जिसमें उसने हैसियत के अनुसार दान दहेज दिया था। लेकिन शादी के बाद से ही उसका दामाद व ससुराल वाले कम दहेज की खातिर उसकी बेटी को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ित करते रहें ।जिसके चलते 17 अप्रैल 2012 को उसकी बेटी को जहर खिलाकर उसकी हत्या कर दी। सत्र न्यायाधीश ने अदालत के समक्ष पेश हुए सबूत के आधार पर दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर आरोपी पति पर खुदकुशी के लिए विवश करने का जुर्म साबित पाया और उसे 10 साल की कड़ी कैद की सजा ब 10000 जुर्माना की सजा सुनाई।

हत्या के प्रयास में 10 साल की कैद

अपर सत्र न्यायाधीश लोकेश नागर ने एक फैसले में हत्या के प्रयास के मामले मे आरोपी को जुर्म साबित होने पर 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। जज ने आरोपी पर 12000 का जुर्माना भी लगाया है ।जिसे अदा ना करने पर अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी पड़ेगी । अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता पी के सिंह ने बताया कि थाना पिहानी क्षेत्र के मोहल्ला मिश्राना निवासी विनीत कुमार कश्यप ने कस्बे के ही अनूप को 27 जनवरी 2016 को तमंचे से फायर करके उसकी हत्या का प्रयास किया।

अनूप को गंभीर चोटे आई। इस मामले की रिपोर्ट घायल के भाई रामनिवास ने आरोपित के खिलाफ दर्ज कराई। कहां की घटना के एक दिन पूर्व आरोपित और से हंसी मजाक चल रहा था ।

इसको लेकर उसने गाली गलौज किया था ।इस मामूली विवाद को लेकर उसने घटना को अंजाम दिया। सत्र न्यायाधीश ने अदालत के समक्ष पेश हुए घायल की गवाही के अलावा अन्य सबूत के आधार पर और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर आरोपित पर जानलेवा हमले का जुर्म साबित पायाऔर उसे 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई । जज ने आरोपित पर 10000 का जुर्माना भी लगाया । जुर्माना न देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

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