जलवायु

जैतून को रास आई भीमताल की जलवायु, हरा भरा होकर देने लगा फल 

भीमताल, अमृत विचार। उत्तराखंड की जलवायु पहली बार जैतून (ओलिया यूरोपिया) के वृक्ष को रास आई है। भीमताल में जैतून का वृक्ष हरा भरा ही नहीं हुआ बल्कि उसमें इन दिनों फल भी आए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो 2006...
उत्तराखंड  नैनीताल 

बढ़ता पारा

देश में गर्मी की लहरें घातक दर से बढ़ रही हैं। भीषण गर्मी सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ-साथ जीवन और आजीविका के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। इससे श्रमिकों की उत्पादकता प्रभावित होती है। परिणाम स्वरूप कमाई पर प्रतिकूल...
सम्पादकीय 

प्रतिकूल मौसम के कारण पिछले 50 वर्षों में 20 लाख लोगों की मौत, 4300 अरब डॉलर का नुकसान 

जिनेवा। दुनिया भर में बीते 50 वर्षों के दौरान प्रतिकूल मौसम संबंधी करीब 12 हजार घटनाएं हुईं जिसके परिणामस्वरूप 20 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई और अर्थव्यवस्था को 4300 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। संयुक्त राष्ट्र की मौसम...
विदेश  Special 

समय पूर्व जन्मे शिशुओं में वायु प्रदूषण संबंधी 91 फीसदी मौत कम-मध्यम आय वाले देशों में होती: रिपोर्ट

नई दिल्ली। दुनियाभर में समय पूर्व जन्मे जिन बच्चों में की मौत का संबंध वायु प्रदूषण से है, उनमें से 91 प्रतिशत शिशुओं की मौत कम एवं मध्यम आय वाले देशों में होती है। संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसी की...
स्वास्थ्य 

दुनिया जलवायु नरक के राजमार्ग पर है, हम उस पर काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं : UN महासचिव

ब्रूम (ऑस्ट्रेलिया)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मानें तो दुनिया जलवायु नरक के राजमार्ग पर है और हम उस पर काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह न केवल मानव जीवन और जलवायु अव्यवस्था के बीच खोई हुई...
विदेश 

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने जलवायु सम्मेलन से पहले फ्रांसीसी जनता से सवाल भेजने को कहा

पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को सोशल मीडिया मंचों पर एक वीडियो जारी करते हुए जनता को उन्हें जलवायु परिवर्तन तथा जैव विविधता को लेकर सवाल भेजने के लिए कहा है। इस पर फौरन हजारों सुझाव आ गए। लोगों ने जीवाश्म ईंधन सब्सिडी, समुद्र में प्रदूषण और परमाणु ऊर्जा को लेकर कठोर …
विदेश 

भारत में 22.20 करोड़ बच्चे जलवायु आपदा, गरीबी के दोहरे खतरे का कर रहे सामना, रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली। भारत में करीब 51 प्रतिशत बच्चे गरीबी और जलवायु आपदा के दोहरे प्रभावों में जी रहे हैं। यह बात एक नए अध्ययन में कही गई है। ‘जनरेशन होप: वैश्विक जलवायु और असमानता संकट समाप्त करने के 2.4 अरब कारण’ नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे एशिया में लगभग 35 करोड़ बच्चे …
Top News  देश 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा- जलवायु आपदाओं की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रही है कड़ी मार

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि देशों और अर्थव्यवस्थाओं पर जलवायु आपदाओं की अभूतपूर्व मार पड़ रही है। ग्रीन हाउस गैसों का निरंतर बढ़ता उत्सर्जन पूरी पृथ्वी पर मौसम की विकट परिस्थितियां उत्पन्न कर रहा है। श्री गुटेरेस ने अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर कहा,“ मैंने पिछले दिनों …
Top News  देश  Breaking News 

यूक्रेन युद्ध जलवायु के नजरिए से हो सकता है ‘‘वरदान’’, UN मौसम एजेंसी चीफ ने क्यों कही यह बात

जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र की मौसम संबंधी एजेंसी के प्रमुख पेटेरी टालस ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध को जलवायु के नजरिए से ‘‘वरदान के तौर पर देखा’’ जा सकता है, क्योंकि इससे दीर्घकाल के लिए हरित ऊर्जा के विकास और उनमें निवेश में तेजी आ रही है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव टालस …
विदेश 

स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार

तेजी से बढ़ता जलवायु परिवर्तन जैव विविधता का नुकसान और व्यापक जहरीला प्रदूषण, प्रतिवर्ष 90 लाख लोगों की मौत का कारण बन रहा है। दुनिया भर में, अरबों लोगों के पास अब भी साफ पानी या पर्याप्त पानी नहीं है। जैव विविधता की हानि का असर हम सभी पर पड़ रहा है। समझने की जरूरत …
सम्पादकीय 

जलवायु परिवर्तन वायुमंडल का श्वेत उपनिवेश, इस नस्लवाद से निपटना होगा

मेलबर्न। ‘‘क्लाइमेट चेंज इज रेसिस्ट’’ अर्थात जलवायु परिवर्तन नस्लवादी है। यह ब्रिटिश पत्रकार जेरेमी विलियम्स की एक हालिया पुस्तक का शीर्षक है। हालांकि यह शीर्षक उत्तेजक लग सकता है, पर इसमें दो राय नहीं कि लंबे समय से यह माना जाता है कि अश्वेत लोग जलवायु परिवर्तन के तहत असमान नुकसान झेलते हैं – और …
विदेश 

जलवायु कूटनीति

दुनिया जलवायु आपदा के प्रभाव से त्रस्त है। वैश्विक औसत तापमान में लगातार वृद्धि के प्रभाव हमारे सामने हैं जैसे- बाढ़, ग्लेशियरों का सिकुड़ना, समुद्र-स्तर का बढ़ना, तूफ़ान, जंगल में आग, वर्षा के स्वरुप में बदलाव, सूखा और अकाल आदि। नासा के अध्ययन के मुताबिक 97 प्रतिशत वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि जलवायु …
सम्पादकीय