भीष्म पितामह
धर्म संस्कृति 

भीष्म पितामह ने बाणों की शैय्या पर 58 दिन तक लेटे रहने के बाद त्यागी थी अपनी देह, इस तिथि पर होती है ये खास पूजा

भीष्म पितामह ने बाणों की शैय्या पर 58 दिन तक लेटे रहने के बाद त्यागी थी अपनी देह, इस तिथि पर होती है ये खास पूजा महाभारत युद्ध में बाणों की शैय्या पर 58 दिन तक लेटे रहने के बाद पितामह भीष्म ने माघ शुक्ल अष्टमी के दिन अपनी देह त्यागी थी। इसलिए इस अष्टमी को भीष्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। आज वो पावन दिन है। भीष्माष्टमी पितामह भीष्म के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस …
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उत्तराखंड  धर्म संस्कृति 

आखिर क्या है घुघुतिया पर्व, कैसे शुरू हुआ ये त्योहार, क्या है इसके पीछे की कहानी

आखिर क्या है घुघुतिया पर्व, कैसे शुरू हुआ ये त्योहार, क्या है इसके पीछे की कहानी अमृत विचार, हल्द्वानी। उत्तराखंड के कुमाऊं का खास त्योहार घुघुतिया पर्व अपने आप में एक अनोखा पर्व है जिसकी एक खास कहानी इस पर्व को और खास बनाती है। पक्षियों को लेकर वैसे तो हमारे देश सहित दुनिया में कई पर्व मनाए जाते हैं लेकिन कुमाऊं के इस खास पर्व का केंद्र कौआ है। इस …
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