पीलीभीत: ऑडियो किया वायरल तो परिवार से हो सकी बात…

पीलीभीत,अमृत विचार। यूक्रेन में फंसे अपनों की खैर-खबर और सुरक्षित वतन वापसी की चिंता परिवार वालों को सता रही है। शासन प्रशासन से इसके लिए परिवार मदद की गुहार लगा रहा है। बिलसंडा के गुरप्रीत ने खुद के फंसे होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया तो मझोला के सार्थक की भारतीय दूतावास के …
पीलीभीत,अमृत विचार। यूक्रेन में फंसे अपनों की खैर-खबर और सुरक्षित वतन वापसी की चिंता परिवार वालों को सता रही है। शासन प्रशासन से इसके लिए परिवार मदद की गुहार लगा रहा है। बिलसंडा के गुरप्रीत ने खुद के फंसे होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया तो मझोला के सार्थक की भारतीय दूतावास के जरिए परिवार से बात हो सकी।
फंसे हुए युवाओं के परिवार के गले से न खाना उतर रहा है, न पानी। प्रधानमंत्री से बच्चों की वतन वापसी को मदद की आस लगाए हैं।
बिलसंडा ब्लॉक के गांव मरौरी निवासी बलविंदर सिंह का पुत्र गुरुप्रीत 10 जनवरी को होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने यूक्रेन के शहर कीव पहुंचा था। 13 जनवरी को एक कॉलेज में दाखिला भी मिल गया। पूरा परिवार खुशी था।
मगर, 40 दिन के भीतर ही यह बुरा दौर भी आएगा इसका अंदेशा किसी को भी नहीं था। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान बनी आपातकालीन स्थिती में वह भी फंसकर रह गया। उसकी तरफ से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। गुरुप्रीत सिंह ने बताया कि वह भारतीय असेम्बली के पास बने एक स्कूल के बंकर के अंदर हैं। पड़ोस में ही बमों की बरसात हो रही है।
खुद के बुरी तरह फंसने की बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पीलीभीत के डीएम पुलकित खरे को संबोधित करते हुए तत्काल सही सलामत भारत लाने की गुहार लगाई है। उधर, कस्बा मझोला के निवासी सार्थक सक्सेना भी यूक्रेन में फंसे हैं। वह मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए गए थे।
भारत वापस आने के लिए उसे पहले पोलैंड जाना था, लेकिन पोलैंड में ज्यादा भीड़ होने के कारण उसने इंडियन एंबेसी से संपर्क किया। जिसके बाद इंडियन एंबेसी ने कहने पर रोमानिया बार्डर पर पहुंच गया। इसके फोटो भी उसने सोशल मीडिया के माध्यम से परिवार तक पहुंचाए। सार्थक के पिता सुधांशु मोहन सक्सेना ने बताया कि बेटे के रोमानिया बार्डर पहुंचने के बारे में जानकारी मिली है। बस इंतजार है कि वह सुरक्षित वतन वापस लौट आए।
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