स्मृतियां : कांग्रेस नेता मुलायम सिंह यादव को कहते थे ‘नौसिखिया बालक’…नतीजों ने बना दिया दिग्गज

अमृत विचार, लखनऊ। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक सफर काफी चर्चाओं में रहा। उनकी गिनती देश दिग्गज नेताओं में होती थी। मुलायम सिंह के लिए यह भी कहा जाता था कि उनके अगले कदम का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल भरा था। जब प्रदेश में सियासी समीकरणों को बदलाव होने लगा तब मुलायम …
अमृत विचार, लखनऊ। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक सफर काफी चर्चाओं में रहा। उनकी गिनती देश दिग्गज नेताओं में होती थी। मुलायम सिंह के लिए यह भी कहा जाता था कि उनके अगले कदम का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल भरा था।
जब प्रदेश में सियासी समीकरणों को बदलाव होने लगा तब मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी की बुनियाद रखी और प्रदेश के मुखिया के रूप में सामने आए। उन्होंने जसवंतनगर सीट से पहला चुनाव लड़ा था। इसके बाद लोगों ने धरतीपुत्र के नाम से उन्हें नवाजा।
मुलायम सिंह को पहवानी का शौक था उन्हें कुश्ती के दांव-पेंच बेहद पंसद थे। मुलायम सिंह यादव को तत्कालीन विधायक नत्थू सिंह ने एक अखाड़े में देखा था। नत्थू सिंह ने मुलायम सिंह के बौद्धिक कौशल को देखते हुए सोशलिस्ट पार्टी से उनका नाम ही विधायक के लिए आगे भेज दिया।
साल 1967 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक कांग्रेसी नेता जनसम्पर्क कर गांधी और नेहरु के सघंर्ष के नाम पर जनता से सहयोग मांग रहे थे तो वहीं मुलायम सिंह यादव गांव-गांव भ्रमण कर रहे थे। उस वक्त कांग्रेसी नेताओं को मुलायम सिंह यादव का परिहास उड़ाते हुए उन्हें राजनीति का नौसिखिया बालक कहा मगर नतीजों ने सभी की बोलती बंद कर उस उपहास का मुंह तोड़ जबाब दिया था।
उस वक्त मुलायम सिंह यादव को एक तरफा जीत हासिल हुई थी। इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव के सामने कांग्रेस उम्मीदवार लाखन सिंह यादव ने चुनाव लड़ा था।
बता दें कि नत्थू सिंह पहले ही सोशलिस्ट पार्टी के विधायक थे। लिहाजा सोशलिस्ट कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया यह बिल्कुल भी नहीं चाहते थे कि मुलायम सिंह जसवंत नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन मुलायम सिंह ने लगातार जंसवतनगर सीट से चुनाव में जीत हासिल कर इतिहास बदल लिया।
बता दें कि साल 1977 में मुलायम सिंह यादव पहली बार सहकारिता मंत्री बने। एक रिपोर्ट के मानें तो सहकारिता मंत्री बनने के बाद मुलायम सिंह के साथ उन पर तंज करते हुए कहते थे कि जो काम आज तक करते आए हैं वैसे ही मंत्रालय मिल गया है। लेकिन यहां मंत्री रहते हुए उन्होंने कई बदलाव भी किए।
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