लखनऊ: डॉ. एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के खिलाफ पुलिस को मिला सर्च वॉरंट

लखनऊ: डॉ. एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के खिलाफ पुलिस को मिला सर्च वॉरंट

लखनऊ। पिछले कई दिनों से कार्रवाई से बच रहा डॉ एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेज अब पुलिस के पूरी तरह हत्थे चढ़ गया है। दरअसल पुलिस को डॉ एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के खिलाफ सर्च वॉरंट मिल गया है। अब संभवत: शुक्रवार से ही पुलिस डॉ एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेज व इससे संबद्ध …

लखनऊ। पिछले कई दिनों से कार्रवाई से बच रहा डॉ एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेज अब पुलिस के पूरी तरह हत्थे चढ़ गया है। दरअसल पुलिस को डॉ एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के खिलाफ सर्च वॉरंट मिल गया है। अब संभवत: शुक्रवार से ही पुलिस डॉ एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेज व इससे संबद्ध कॉलेजों व अस्पताल में घुसकर छापेमारी शुरू करेगी।

23 दिन के बाद पुलिस को मिली जांच की खुली छूट, दो बार हो चुकी थी किरकिरी

ज्ञात हो कि डॉ एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के ठाकुरगंज थानांतर्गत दुबग्गा स्थित डॉ एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ से संबद्ध डॉ आरआर सिन्हा मेमोरियल अस्पताल में गत 07 फरवरी को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से बेहतर ग्रेड पाने के लिए में 100 से अधिक मजदूरों को पैसों का लालच देकर फर्जी मरीज बनाने व बंधक बनाकर जबरन वीगो-इंजेक्शन लगाने का मामला प्रकाश में आया था।

इसके बाद पुलिस ने 8 फरवरी को जांच में अस्पताल में घुसने का प्रयास किया जो सर्च वॉरंट की मांग कर अस्पताल प्रबंधन द्वारा गेट तक नहीं खोला गया। 09 फरवरी को पुलिस की ओर से सर्च वॉरंट के लिए याचिका दी गई। 17 फरवरी को भी पुलिस को सर्च वॉरंट न होने के कारण कॉलेज में घुसने से रोका गया।

अंतत: 23 दिनों के बाद सर्च वॉरंट मिलने से अब पुलिस को जांच करने की खुली छूट मिली है। ऐसे में पुलिस भी पिछली दो बार की गई किरकिरी का हिसाब लेने की तैयारी में है। अब पुलिस डॉ एमसी सक्सेना के सभी कॉलेज, अस्पताल और घरों पर छापेमारी कर साक्ष्य इकट्ठा करेगी।

ईडी की भी लगी डॉ. एमसी सक्सेना की चल-अचल संपत्ति पर निगाह

सूचना मिली है कि पुलिस के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी डॉ एमसी सक्सेना व उनके सहयोगियों की चल-अचल संपत्ति पर गिद्ध की निगाह बनाए बैठा है। दरअसल पुलिस को डॉ एमसी सक्सेना और उनके एक दर्जन से अधिक सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी कर अकूत चल-अचल संपत्ति बनाने के कई साक्ष्य मिले हैं। जिनमें वर्ष 2015 में छात्रों की करीब 36 करोड़ रुपये रुपए की फीस गटकने का मामला भी शामिल है।

कोर्ट के आदेश के बावजूद कॉलेज प्रबंधन की ओर से छात्रों को पैसे नहीं लौटाए गए। ईडी ने पुलिस से ये साक्ष्य मांगे हैं। ऐसे में संभवत: जल्द ही इन साक्ष्यों के आधार पर ईडी की ओर से भी डॉ एमसी सक्सेना के कॉलेजों-अस्पतालों और घरों-कार्यालयों पर छापेमारी की जा सकती है।

दोबारा रिमांड पर लिया जाएगा डॉ. लव शेखर को

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किये गये कॉलेज के निदेशक डॉ लव शेखर को पुलिस फिर से रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। याद हो कि पिछली बार 17 फरवरी को कोर्ट की ओर से महज 8 घंटें के लिए डॉ लव शेखर को रिमांड पर लेने की अनुमति दी गई थी।

डॉ एमसी सक्सेना का उपस्थित न होना पड़ेगा भारी

प्रकरण के सामने आने के बाद से 10 फरवरी से ही डॉ एमसी सक्सेना परिवार समेत फरार हैं। पुलिस ने उनके अलीगंज व महानगर स्थित घरों पर नोटिस चिपकाया है। वॉरंट भी जारी किया जा चुका है। पर इसके बाद भी डॉ एमसी सक्सेना सामने नहीं आए हैं। ऐसे में पुलिस जल्द ही कोर्ट से अनुमति लेकर संपत्ति कुर्की की कार्रवाई कर सकती है। वहीं ईडी की ओर से कॉलेज प्रबंधन को गहरी चोट मिल सकती है।

डॉ एमसी सक्सेना की संपत्तियों पर छापेमारी के लिए पुलिस के सर्च वॉरंट प्राप्त हो गया है। सर्च वॉरंट के लिए 09 फरवरी को याचिका दी गई थी। अब वॉरंट मिलने के बाद पुलिस डॉ एमसी सक्सेना के सभी कॉलेजों-अस्पतालों व घरों-कार्यालयों में क्रमबद्ध तरीके से छापेमारी कर साक्ष्य जुटाएगी।

– सोमेन वर्मा, डीसीपी, लखनऊ पश्चिम

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