कानपुर: मारपीट मामले में मंत्री Rakesh Sachan बरी, बोले- 32 साल बाद मिला न्याय

कानपुर: मारपीट मामले में मंत्री Rakesh Sachan बरी, बोले- 32 साल बाद मिला न्याय

कानपुर, अमृत विचार। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को शुक्रवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली। एसीएमएम-3 आलोक यादव की कोर्ट ने 32 साल बाद उन्हें बरी कर दिया। सुनवाई के दौरान गवाहों ने मारपीट की किसी भी घटना से इंकार कर दिया। ऐसे में कोर्ट ने सबूतों के अभाव में यह फैसला सुनाया। मामले के …

कानपुर, अमृत विचार। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को शुक्रवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली। एसीएमएम-3 आलोक यादव की कोर्ट ने 32 साल बाद उन्हें बरी कर दिया। सुनवाई के दौरान गवाहों ने मारपीट की किसी भी घटना से इंकार कर दिया। ऐसे में कोर्ट ने सबूतों के अभाव में यह फैसला सुनाया। मामले के मुख्य वादी जीडी दास की मौत हो चुकी है।
इस मामले में आया फैसला
केडीए कर्मचारी जीडी दास ने 24 अगस्त 1990 को ग्वालटोली थाने में राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि राकेश साथियों के साथ हिंदी भवन पहुंचे और उसे अपना कार्यालय बताकर सामान फेंक दिया। वहां तैनात सरकारी कर्मचारी से गाली गलौज कर उसे जानमाल की धमकी भी दी। इस मामले में मंत्री राकेश के खिलाफ दर्ज मुकदमे की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय के न्यायालय में सुनवाई चली। घटना के दो चश्मदीद गवाहों ने भी ऐसी किसी भी प्रकार की घटना होने से इंकार कर दिया।

राकेश सचान ने फैसला आने के बाद कहा कि 32 साल पहले राजनीतिक द्वेष में गवालटोली थाने में एक झूठा केस दर्ज कराया गया था। न्यायालय से 32 साल बाद आज न्याय मिला है। कहा कि अन्य मामले में भी न्याय मिलेगा।

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