हल्द्वानी: आउटसोर्स ने बंद किए युवाओं के लिए केएमवीएन के दरवाजे
हल्द्वानी, अमृत विचार। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के निजीकरण के चर्चें तो कई सालों से चल रहे हैं। लेकिन अब केएमवीएन सीधी भर्ती छोड़कर आउटसोर्स से कर्मचारियों की नियुक्ति कर रहा है। ऐसे में पर्यटन में डिग्री हासिल करने वाले युवाओं के लिए नौकरी खत्म करने का खतरा बढ़ गया है। पिछले कुछ सालों …
हल्द्वानी, अमृत विचार। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के निजीकरण के चर्चें तो कई सालों से चल रहे हैं। लेकिन अब केएमवीएन सीधी भर्ती छोड़कर आउटसोर्स से कर्मचारियों की नियुक्ति कर रहा है। ऐसे में पर्यटन में डिग्री हासिल करने वाले युवाओं के लिए नौकरी खत्म करने का खतरा बढ़ गया है।
पिछले कुछ सालों से कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृहों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में कर्मियों के हितों पर चोट के साथ ही स्थानीय रोजगार पर भी मार पड़ने लगी है। यहीं नहीं अब निगम में काम करने का ख्वाब देख रहे युवाओं के लिए केएमवीएन के दरवाजे बंद होते नजर आ रहे हैं। निगम से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 20 साल से सरकार ने कोई भी भर्ती नहीं निकाली है।
अब निगम के निजीकरण होने से आउटसोर्स से नियुक्तियां की जा रही हैं। ऐसे में पर्यटन के विषय में डिग्री लेने वाले व निगम के होटलों में काम करने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए नौकरियां खत्म हो गई हैं। अगर किसी को नौकरी मिलेगी तो उनका वेतन आउटसोर्स कर्मचारियों की तरह ही कम होगा।
कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रत्येक क्षेत्र में कई चीजें निजी हो गई हैं। ऐसे में भर्तियां की जगह आउटसोर्स से लोगों को नियुक्त किया जा रहा है। आने वाले समय में यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि निगम पूरी तरह से निजी हाथों में चला जाएगा।
-आरसी पांडे, मैनेजर, केएमवीएन, हल्द्वानी
2016 से वेतन में ग्रेड पे बढ़ने से कर्मचारियों को काफी फायदा हुआ है। हालांकि अभी सीधी भर्ती नहीं हो रही है लेकिन निगम के पास पर्याप्त कर्मचारी है।
– एपी बाजपेयी, महाप्रबंधक, केएमवीएन