लखीमपुर-खीरी: हाथियों को रास आई गन्ना बेल्ट, खेतों में फिर मचाया उत्पात

लखीमपुर-खीरी: हाथियों को रास आई गन्ना बेल्ट, खेतों में फिर मचाया उत्पात

बांकेगंज खीरी/लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। नेपाली हाथियों को गन्ना बेल्ट रास आ गई है। आमतौर पर एक जगह न रुकने वाले प्रवासी हाथी क्षेत्र से जाने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। नरम घास व गन्ने की मिठास इन्हें इस कदर इनके मुंह लग चुकी है कि यहां डेरा जमाए हुए हैं। तमाम मशक्कत के …

बांकेगंज खीरी/लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। नेपाली हाथियों को गन्ना बेल्ट रास आ गई है। आमतौर पर एक जगह न रुकने वाले प्रवासी हाथी क्षेत्र से जाने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। नरम घास व गन्ने की मिठास इन्हें इस कदर इनके मुंह लग चुकी है कि यहां डेरा जमाए हुए हैं। तमाम मशक्कत के बाद भी इनका खेतों तक जाना रोक पाने में किसान असफल रहे हैं। अब तो वन विभाग ने भी हथियार डाल दिए हैं। हाथी किसानों की बीसों एकड़ गन्ना नष्ट हो चुका है।

सोमवार की रात हाथियों ने अपने पसंदीदा जटपुरा बीट से निकलकर सुनहरा भूड़ के किसान मंजीत सिंह व चुन्नू का गन्ना, सुरजीत सिंह, गुरनाम सिंह व रामचंद्र की धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। सियाराम का इंजन उलट दिया जिससे इंजन में भरा हुआ डीजल, मोबिल बाहर गिर गया। खेत की रखवाली करने के लिए डाली गयी झोपड़ी उलट दी। वन विभाग के कर्मचारी रात-रातभर जागकर जंगली हाथियों पर नजर रखे हुए हैं वहीं किसान भी अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए रात-रात भर रखवाली करते हैं।

वन विभाग के कर्मचारी जब हाथियों के झुंड को जंगल के बाहर किसानों के खेत की ओर बढ़ते हुए देखते हैं तब वापस जंगल में खदेड़ने के लिए ग्रामीणों का सहयोग लेते है। इस दौरान समूह में रहने वाले हाथी कुछ किसानों का नुकसान कर चुके होते हैं। वन विभाग के कर्मचारी कहते हैं कि दो दर्जन से अधिक हाथियों को जंगल में वापस खदेड़ना कुछ कर्मचारियों के बस की बात नहीं है।

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यदि ग्रामीण सहयोग न करें तो हाथी खेत के खेत उजाड़ डालें। वे यह भी कहते हैं कि एक सप्ताह से क्षेत्र में भ्रमण कर रहे इन हाथियों को गन्ने के कारण यह इलाका पसंद आ रहा है इसलिए वे इसी क्षेत्र में ही बने हुए हैं अन्यथा प्रवासी हाथी कभी एक जगह नहीं रुकते हैं।
मालूम हो कि हाथी लगभग आठ दिन से जटपुरा, नगरिया, महुरेना, भरिगवां, खैरेटा बीट में ही डेरा जमाए हुए है। एक जगह के किसानों द्वारा भगाये जाने पर दूसरी रेंज में पहुंच जाते हैं और वहां से भगाये जाने पर अगली रेंज में।

आठ दिन पूर्व जटपुरा वन रेंज में उत्पात मचाने वाले हाथी अन्य क्षेत्रों से होते हुए पुनः जटपुरा वन रेंज में पहुंच चुके हैं। इन हाथियों ने अब तक दो दर्जन से अधिक किसानों का 20 एकड़ से भी अधिक की फसलों का नुकसान कर दिया है। हाथियों को कैसे रोका जाए यह न तो वन विभाग ही समझ पा रहा है और न ही का किसान।