बरेली: इज्जतनगर रेल मंडल कार्यालय में बनाया गया ‘वात्सल्य’ शिशु गृह, यहां शिशुओं को छोड़ सकेंगी कामकाजी महिलाएं

मोनिस खान/बरेली,अमृत विचार। अक्सर देखा गया है कि कामकाजी माताओं को अपने बच्चे की देखभाल के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इनके लिए आया रखनी पड़ती है या फिर किसी परिचित के पास माताएं बच्चों को छोड़कर काम पर जाती हैं। इतना सब करने के बावजूद भी कई बार माताएं बच्चों को लेकर चिंतित …

मोनिस खान/बरेली,अमृत विचार। अक्सर देखा गया है कि कामकाजी माताओं को अपने बच्चे की देखभाल के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इनके लिए आया रखनी पड़ती है या फिर किसी परिचित के पास माताएं बच्चों को छोड़कर काम पर जाती हैं। इतना सब करने के बावजूद भी कई बार माताएं बच्चों को लेकर चिंतित रहती हैं। इसी समस्या को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल की महिला समिति की ओर से ‘वात्सल्य’ शिशुगृह ( क्रेच) की शुरुआत की गई है। जिसमें माताएं बेफिक्र होकर अपने बच्चों को छोड़कर जा सकेंगी। यहां बच्चों को मां जैसा ही वात्सल्य ( स्नेह ) मिलेगा।

इज्जतनगर रेल मंडल कार्यालय परिसर में बने ‘वात्सल्य’ शिशु गृह में बच्चों के लिए किताबें, कलर बुक, खिलौने, बेड आदि की सुविधा दी गई है। खाने की सुविधा अभी नहीं है, लेकिन कोई माता पिता खाना साथ लाता है तो गर्म करने के लिए माइक्रोवेव की सुविधा है। शिशु गृह का पूरा परिसर वातानुकूलित है। इज्जतनगर मंडल महिला समिति द्वारा जारी नियमावली के मुताबिक शिशु गृह में रेलवे कर्मचारियों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा गैर रेलवे कर्मचारी भी शिशु गृह का लाभ उठा सकेंगे।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर खास ध्यान रखा गया है। शिशु गृह में अभिभावक के अतिरिक्त अन्य कोई भी नहीं आएगा। काम पर जाते समय अभिभावक केयर टेकर को ही बच्चा सौंपेंगे और उसी से वापस भी लेंगे। शिशु गृह में 6 माह से लेकर 14 साल तक के बच्चे रह सकेंगे। इनमें लड़कों के लिए अधिकतम आयु 12 वर्ष व लड़कियों के लिए अधिकतम आयु 14 वर्ष रखी गई है। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि ””वात्सल्य”” शिशु गृह का संचालन इज्जतनगर रेल मंडल महिला समिति द्वारा किया जाता है। जहां कामकाजी माता पिता अपने बच्चों को छोड़ सकते हैं।

रेल कर्मियों व बाहरी लोगों का शुल्क अलग
‘वात्सल्य’ शिशु गृह में बच्चों का एडमिशन कराने के लिए अभिभावकों को फार्म भरना पड़ेगा। जिसमें रेलवे कर्मचारियों को प्राथमिकता पर रखा गया है। रेल कर्मचारियों को छूट देते हुए उनके बच्चों के लिए 1000 रुपये प्रति माह का शुल्क है। इसके अलावा बाहरी अभिभावकों के लिए 1500 रुपये प्रति माह शुल्क निर्धारित है। दो बच्चे साथ रखने पर 200 रुपये की छूट दी जाएगी। इसके अलावा अगर कोई अभिभावक अपने बच्चों को नियमित रूप से शिशु गृह में नहीं रख रहा है तो गेस्ट बच्चे की भी व्यवस्था है। उसके लिए 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क देना होगा।

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