बरेली: 13 दिन से वकीलों की हड़ताल जारी, अग्रिम रणनीति तय होगी आमसभा में

बरेली: 13 दिन से वकीलों की हड़ताल जारी, अग्रिम रणनीति तय होगी आमसभा में

बरेली, अमृत विचार, विधि संवाददाता। बरेली बार एसोसिएशन की ओर से सिविल अदालतों के स्थानांतरण के विरोध में 13 दिनों से हड़ताल जारी हैं। आंदोलनरत अधिवक्तागण न्यायिक कार्य से दूर रहे। सोमवार को दोपहर 2 बजे बार सभागार में अधिवक्ताओं की आमसभा में आंदोलन की अग्रिम रणनीति बनेगी। सचिव वीपी ध्यानी ने बताया कि बरेली …

बरेली, अमृत विचार, विधि संवाददाता। बरेली बार एसोसिएशन की ओर से सिविल अदालतों के स्थानांतरण के विरोध में 13 दिनों से हड़ताल जारी हैं। आंदोलनरत अधिवक्तागण न्यायिक कार्य से दूर रहे। सोमवार को दोपहर 2 बजे बार सभागार में अधिवक्ताओं की आमसभा में आंदोलन की अग्रिम रणनीति बनेगी। सचिव वीपी ध्यानी ने बताया कि बरेली बार एसोसिएशन के समर्थन में जनपद की सभी तहसीलों के अलावा कमिश्नरी बार एसोसिएशन व पीलीभीत बार एसोसिएशन भी है।

शनिवार को भी जनपद न्यायालय परिसर के सभी गेटों पर तैनात रहकर अधिवक्ताओं ने वकीलों व वादकारियों को प्रवेश नहीं करने दिया। शशिकांत शर्मा, प्रर्मिला सिंहा, मंजू शर्मा, रीता बिल्हाटिया, सम्भव शील, डी एन शर्मा, अंतरिक्ष सक्सेना, गौरव राठौर, प्रदीप यादव, अचल सक्सेना, हरभजन शाक्य, मुकेश यादव, यश साहू आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

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निष्कासन वापसी की मांग, फिर धरने पर बैठे पूर्व कनिष्ठ उपाध्यक्ष

शुक्रवार को निष्कासन वापसी की मांग को लेकर आम सभा में हंगामा करने वाले पूर्व कनिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मवीर गुप्ता ने पत्नी बच्चों समेत बार एसोसिएशन के प्रशासनिक भवन के समक्ष एक बार फिर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। धर्मवीर ने बताया कि पहले भी वह अपने निष्कासन के विरोध में धरने पर बैठे थे तब बार के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आश्वासन देकर धरना खत्म करवा दिया था, मगर अब तक निष्कासन वापस नहीं हुआ, आम सभा में अपनी बात कहना चाहता था, मगर मौका नहीं दिया इसलिए आम सभा में धरना दिया।

हड़ताल के दौरान जमानत अर्जी दायर कर घिरे पदाधिकारी

13 दिनों से अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहकर आंदोलनरत है। दूसरी ओर वरिष्ठ बार पदाधिकारी ने अदालत में जमानत दाखिल कर दी। इस पर शनिवार को कचहरी में चर्चाओं का दौर गरम रहा, अधिवक्ताओं ने कमेंट शुरू कर दिए इस पर पदाधिकारी की ओर से जवाब आया कि अधिवक्ता हित में उल्टे सीधे कमेंट न करें, अर्जियों पर सुनवाई के लिए कोई कोर्ट नहीं गया।

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