बरेली: दोपहर के 2:30 बजे हुआ शाम 6 बजे जैसा नजारा, ऐसा मौसम देख सहमे लोग…

बरेली: दोपहर के 2:30 बजे हुआ शाम 6 बजे जैसा नजारा, ऐसा मौसम देख सहमे लोग…

बरेली, अमृत विचार। यूपी के बरेली में सुबह से खराब मौसम ने एक साथ ठंड बढ़ा दी। मगर दोपहर करीब 2:30 बजे अचानक से मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल गया। आसमान में अचानक से आई काली घटाएं और तेज-तेज हवाओं ने लोगों को सहमा दिया। दोपहर के ढाई बजे देखने से लग रहा …

बरेली, अमृत विचार। यूपी के बरेली में सुबह से खराब मौसम ने एक साथ ठंड बढ़ा दी। मगर दोपहर करीब 2:30 बजे अचानक से मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल गया। आसमान में अचानक से आई काली घटाएं और तेज-तेज हवाओं ने लोगों को सहमा दिया। दोपहर के ढाई बजे देखने से लग रहा था कि मानो यह नजारा शाम 6 बजे का हो। जिसकी वजह से जो लोग घरों से बाहर थे। उन्होंने फौरन ही घरों की तरफ जाना शुरू कर दिया। इसके कुछ ही देर बाद तेज गरज और चमक के साथ भीषण बारिश शुरू हो गई। खबर लिखने तक लगातार बारिश होती रही है।

सुबह भी बारिश के साथ पड़े थे ओले
इससे पहले गुरुवार सुबह से ही बारिश शुरू हो गई थी। साथ ही ओले भी गिरने लगे। करीब 10 से 15 मिनट गिरे ओलों ने अचानक से ठंड बढ़ा दी। उधर, ओले गिरने बाद से रुक-रुक कर बारिश होती रही थी। मगर दोपहर के बाद अचानक से तेज बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग के अनुसार अब यह मौसम देर रात तक ऐसा ही रहने वाला है। हालांकि रात में कुछ देर के लिए बारिश रुकेगी मगर अगले दिन यानि शुक्रवार को फिर से बारिश शुरू हो जाएगी।

40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग के अनुसार बरेली शहर जिले में तेज शीत लहर होगी। इन हवाओं की रफ्तार करीब 40 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। जिसकी वजह से लोगों को भीषण सर्दी का सामना करना होगा। बारिश के साथ चल रही हवाओं की वजह से तापमान में भी हेराफेरी हुई है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार ओलों की वजह से अगले दो दिनों तक तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा सकती है।

सब्जियों को हो सकता है नुकसान
बेमौसम हो रही बारिश की वजह से सब्जियों, दलहनी और तिलहनी फसलों को नुकसान हो सकता है। जिसको लेकर किसान चिंतित दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसान अपने खेतों में पानी का भराव न होने दें। उसके निकास का इंतजाम करें। इससे नुकसान से बचा जा सकता है। वहीं, इस बारिश के बाद आलू की फसल में बीमारी लगने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि गेंहू और गन्ने की फसल के लिए यह बारिश अच्छी साबित हो सकती है। मगर वह फसल देरी से बोई हों तभी।

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