बरेली: चोरी का शोध पकड़ने वाले सॉफ्टवेयर से कई शिक्षक अंजान
बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने चोरी के शोध को पकड़ने के लिए टर्निटिन सॉफ्टवेयर खरीदा है। इसे सभी सरकारी व अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्राचार्यों और विश्वविद्यालय परिसर के विभागाध्यक्षों को दिया गया है। अब तक 110 शिक्षकों को सॉफ्टवेयर की लॉगइन आईडी व पासवर्ड दी गई है लेकिन कई प्राचार्य व शिक्षक …
बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने चोरी के शोध को पकड़ने के लिए टर्निटिन सॉफ्टवेयर खरीदा है। इसे सभी सरकारी व अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्राचार्यों और विश्वविद्यालय परिसर के विभागाध्यक्षों को दिया गया है। अब तक 110 शिक्षकों को सॉफ्टवेयर की लॉगइन आईडी व पासवर्ड दी गई है लेकिन कई प्राचार्य व शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक लॉगइन पासवर्ड नहीं लिया है।
कुलपति प्रो. केपी सिंह ने इन सभी को जल्द से जल्द लॉगइन पासवर्ड लेने के निर्देश दिए हैं, ताकि शोध पर्यवेक्षक शोध की चोरी पकड़ सकें।
शोध की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए विश्वविद्यालय ने टर्निटिन सॉफ्टवेयर खरीदा। कई महीने पहले महाविद्यालयों के प्राचार्यों व प्रबंधकों की विश्वविद्यालय परिसर में बैठक बुलाकर इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बारे में जागरूक किया गया था। सॉफ्टवेयर के जरिये यदि कोई शोधार्थी शोध तैयार करता है और उसने कहीं से शोध चोरी किया होगा तो यह तुरंत पकड़ लेता है।
अधिकांश शोध पर्यवेक्षक राजकीय व अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय परिसर में संचालित विभागों के शिक्षक हैं। यही वजह है कि इन महाविद्यालयों के प्राचार्यों और विवि परिसर के विभागाध्यक्षों को सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के लिए लॉगइन व पासवर्ड दिए गए हैं।
प्राचार्य के माध्यम से शोध पर्यवेक्षक शोध रिपोर्ट की जांच कर सकते हैं। करीब 15 दिन पहले विश्वविद्यालय में परिसर के सभी शिक्षकों की बैठक हुई थी। इसमें कुलपति ने टर्निटिन सॉफ्टवेयर के बारे में शिक्षकों से पूछा तो पता चला था कि कई शिक्षकों को इसकी जानकारी ही नहीं थी।
इस पर कुलपति ने शोध निदेशक को सभी शिक्षकों को जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। एक दिन पहले कुलपति ने प्राचार्यों की ऑनलाइन बैठक की तो पता चला कि कुछ प्राचार्यों ने अब तक लॉगइन आईडी नहीं ली है। कुलपति ने सभी को इसे लेने के निर्देश दिए। इसके अलावा शोध समन्वयक भी बनाने के निर्देश दिए।