Allahabad HC: पुलिस उत्पीड़न के मामले में गृह सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा

प्रयागराज, अमृत विचार। भारत नेपाल बॉर्डर पर पुलिस द्वारा जाम लगाकर वसूली करने की वीडियो रिकॉर्डिंग करने पर स्थानीय लोगों को गैंगस्टर एक्ट में पुलिस के द्वारा फंसा दिया गया। पुलिस उत्पीड़न के इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगते हुए यह भी कहा है कि …
प्रयागराज, अमृत विचार। भारत नेपाल बॉर्डर पर पुलिस द्वारा जाम लगाकर वसूली करने की वीडियो रिकॉर्डिंग करने पर स्थानीय लोगों को गैंगस्टर एक्ट में पुलिस के द्वारा फंसा दिया गया। पुलिस उत्पीड़न के इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगते हुए यह भी कहा है कि पुलिस कानून का दुरुपयोग न करें और अगर इसकी कोई गाइडलाइन है, तो मुकदमे की अगली तारीख पर पेश की जाए।
न्यायालय ने मौजूदा मुकदमे की अगली सुनवाई आगामी 23 जुलाई को सूचीबद्ध किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने जिला महाराजगंज के सोनौली कुंसर्वा गांव के निवासी कृष्ण गुप्ता व अन्य के द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है। याचिका में संलग्न दस्तावेजों के आधार पर यह प्रमाणित होता है कि याचियों पर यह आरोप लगाया गया है कि वे सभी गैंग बनाकर नेपाल सीमा पर ट्रकों से जबरन एवं अवैध वसूली करते हैं।
इसी संदर्भ में इन सभी के विरुद्ध 21 मार्च 2021 को पुलिस के द्वारा गैंग चार्ट बनाया गया और 30 मार्च 2021 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। याचियों की तरफ से बहस कर रहे अधिवक्ता ने न्यायालय को यह बताया कि सीमा पर बाईपास पर उनकी जनरल स्टोर और मोबाइल फोन की दुकान है| पुलिस के द्वारा वसूली होने पर अक्सर जाम से लोगों को परेशानी होती है और जिसकी वजह से स्थानीय लोगों और ड्राइवरों से विवाद उत्पन्न हो जाता था।
याची इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़ा हुआ है और उसने पुलिस को घूस लेते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली थी| इसी कारणवश याची को गैंग लीडर व उसके परिवार के लोगों के साथ-साथ दो ड्राइवरों को गैंग सदस्य घोषित कर गैंग चार्ट बनाया गया है| पुलिस की कार्यवाही पर आरोप लगाते हुए यह कहा गया कि यह प्राथमिकी दुर्भावनापूर्ण और विद्वेष की भावना के साथ दर्ज कराई गई है|