बरेली: कैमरों के तार खुले छोड़ने से लड़खड़ा सकती है परियोजना

बरेली: कैमरों के तार खुले छोड़ने से लड़खड़ा सकती है परियोजना

बरेली, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हनीवेल कंपनी की ओर से कराए जा रहे करीब 167 करोड़ रुपये के आईसीसीसी यानी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम के काम अभी पूरे नहीं हुए हैं। लेकिन इसे लेकर गड़बड़ियों की शिकायतें मेयर डा. उमेश गौतम के पास पहुंचने लगी हैं। परियोजना के तहत शहर के …

बरेली, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हनीवेल कंपनी की ओर से कराए जा रहे करीब 167 करोड़ रुपये के आईसीसीसी यानी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम के काम अभी पूरे नहीं हुए हैं। लेकिन इसे लेकर गड़बड़ियों की शिकायतें मेयर डा. उमेश गौतम के पास पहुंचने लगी हैं।

परियोजना के तहत शहर के विभिन्न सड़क व चौराहों पर लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरों के केबल भूमिगत करने के बजाय खुले में डाल दिए गए हैं। इससे इस पूरी परियोजना को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। मेयर का कहना है कि यह काफी बड़ा प्रोजेक्ट है और इसमें किसी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। उन्होंने इन मामलों को गंभीरता से लेकर अधिकारियों से मौके पर पहुंचकर हकीकत से अवगत कराने के लिए निर्देशित किया है।

प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा को लेकर स्मार्ट सिटी परियोजना के आईसीसीसी प्रोजेक्ट का हनीवेल कंपनी को 167 करोड़ का टेंडर दिया गया है। नगर निगम कैंपस में नए बहुमंजिला भवन में इसका नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है। जून में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी स्मार्ट सिटी, अमृत और प्रधानमंत्री आवास योजना शहर की छठवीं वर्षगांठ पर आईसीसीसी का सॉफ्टवेयर लांच किया था। इस मौके पर कंपनी ने दावा किया था कि शहर में 900 कैमरे लगाए जाएंगे।

मेयर डा. उमेश गौतम ने बताया कि हमारे पास शिकायत आई है कि जो सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, उनमें तमाम गड़बड़ी की जा रही हैं। कैमरों के तारों को भूमिगत करने के बजाय उन्हें खुला छोड़ा जा रहा है। इससे इन तारों को क्षति पहुंचने के साथ ही आईसीसीसी का पूरा सिस्टम ही लड़खड़ा जाने की आशंका है। खुले में छोड़े जा रहे तारों के चोरी होने का भी डर बना हुआ है। अभी ईंट पजाया, डेलापीर, पटेल चौक सहित कई जगहों पर कैमरे लगाए गए हैं।

आईसीसीसी के शुरू होने से कई फायदे
आईसीसीसी के शुरू होने से कई फायदे होंगे। सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक स्थलों और मार्गों पर सीसीसीटी कैमरे लगने से उनकी निगरानी में मदद मिलेगी। नए शहर के प्रवेश-निकास द्वारों और महत्वपूर्ण स्थानों पर 300 नाइट विजन कैमरे लगेंगे, जो रात में संदिग्धों पर नजर रखेंगे। इससे आपराधिक वारदातों को भी रोकने में आसानी होगी। कोई दुर्घटना होने पर पुलिस के डायल 100, 108 एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की सुविधा जल्द मिल सकेगी। शहर के व्यावसायिक, आवासीय भवनों के कैमरों को भी इस सिस्टम से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। प्रोजेक्ट के तहत 145 जगहों पर ये हाईटेक कैमरे लगाए जा रहे हैं।

आईसीसीसी प्रोजेक्ट के तहत शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है। आमजन के सहयोग से शहर की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर ट्रैफिक कंट्रोल को बेहतर किया जाना है। जो कंपनी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, उसकी शिकायतें आ रही हैं, जिसकी जांच कराई जा रही है। -डा. उमेश गौतम, मेयर