बरेली: लापरवाही की खुदाई से जान पर बन आई, मिट्टी धंसी, मजदूर दबा

बरेली, अमृत विचार। भूमिगत ट्रंक सीवर लाइन बिछाने के लिए चौकी चौराहे से गांधी उद्यान वाली सड़क पर हो रही खुदाई असुरक्षित तरीके से कराई जा रही है। गाजियाबाद की कार्यदायी संस्था ने खुदाई के दौरान सड़क या मिट्टी धंसने के दौरान होने वाले हादसों से मजदूरों और आमजन को बचाने के इंतजाम नहीं किए …
बरेली, अमृत विचार। भूमिगत ट्रंक सीवर लाइन बिछाने के लिए चौकी चौराहे से गांधी उद्यान वाली सड़क पर हो रही खुदाई असुरक्षित तरीके से कराई जा रही है। गाजियाबाद की कार्यदायी संस्था ने खुदाई के दौरान सड़क या मिट्टी धंसने के दौरान होने वाले हादसों से मजदूरों और आमजन को बचाने के इंतजाम नहीं किए हैं।
दैनिक ‘अमृत विचार’ ने सड़क में दरारें पड़ने व मिट्टी धंसने से हादसा होने की आशंका जताते हुए खबरें प्रकाशित कर कार्यदायी संस्था और जल निगम के अधिकारियों को जगाने का प्रयास किया था लेकिन अधिकारी नहीं चेते। सोमवार को हुआ हादसा भी इसी लापरवाही का नतीजा है। कुछ दिन पूर्व बुलडोजर से सेठ दामोदर पार्क के पास खुदाई कराई गई थी। खोदे गहरे गड्डे में सीवर की पाइप लाइन फट गई। मजदूर सचिन 20 फीट गहरे गड्ढे में लाइन ठीक करने के लिए नीचे उतर गया। इसी बीच मिट्टी धंसने की वजह से सचिन उसके नीचे दब गया।
शुक्र है कि चौकी चौराहे पर यातायात में लगे पुलिस कर्मियों व होमगार्ड ने रेस्क्यू करके सचिन को बचा लिया। सचिन पुत्र ओमप्रकाश मूलरूप से गाजियाबाद के मसूरी का रहने वाला है। वर्तमान में बारादरी थाना क्षेत्र के हजियापुर में रहता है। वह सुबह खुदाई के दौरान ठेकेदार के अधीन कार्य कर रहा था। गहरे गड्ढे छोड़ने की लापरवाही सेठ दामोदर पार्क के पास ही नहीं, कई सड़कों पर बनी है। चौकी चौराहे से प्रभा सिनेमाघर तक 25 फीट गहरी खुदाई हो रही है। कई जगह खुदाई पूरी हो चुकी है।
इससे आयकर कार्यालय की तरफ सड़क में दरारें पड़ गई हैं। वन-वे यातायात गुजरने से इस साइड में वाहनों का दबाव भी ज्यादा हो गया है। इससे डिवाइडर समेत सड़क के धंसने की आशंका बनी है। लोग डर-डरकर वन-वे सड़क से गुजरते हैं। कई शिकायतें प्रशासनिक अफसरों तक पहुंचीं लेकिन कार्यदायी संस्था से सुरक्षा इंतजाम कराने के लिए कोई दबाव नहीं बना रहा है। नगर निगम के पास बरेली कॉलेज गेट चौराहे पर भी गहरे गड्ढे खुले हुए हैं।
तुरंत गड्ढे में कूद गए ट्रैफिक के जवान
लापरवाही से हो रही खुदाई के कारण सोमवार को एक मजदूर की जान पर बन आई थी। मिट्टी धंसने से बीस फीट गहरे गड्ढे में काम कर रहा मजदूर दब गया। पुलिस कर्मी और होमगार्ड के संयुक्त प्रयास ने उसे बचा लिया। अगर दोनों मौके पर नहीं होते तो स्थिति और भयावह हो सकती थी। जब मजदूर गड्ढे में फंसा था तो आवाज सुनते ही वहां ट्रैफिक व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी व होमगार्ड तुरंत जान बचाने के लिए गड्ढे में कूद गए।
एसडीआरएफ में दो साल रह चुके टीएसआई ने सूझबूझ से मजदूर के बाल पकड़े और जेसीबी की मदद से उसे बाहर निकाला। उसके बाद तुरंत पुलिस की ही गाड़ी से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। यातायात माह के पहले दिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने अपने काम से हटकर जान बचाने का काम किया। पाइप लाइन फटने की वजह से काफी देर तक जाम भी लगा रहा।
गाजियाबाद के मसूरी रहने वाला सचिन हजियापुर बारादरी में रहता है। कुछ दिनों पहले दामोदार पार्क के पास सीवर लाइन डलने के बाद मिट्टी डालकर सड़क को चालू कर दिया गया था। सोमवार को पाइप लाइन फटने से मिट्टी धंस गई। इसके बाद जेसीबी की मदद से कर्मचारी काम करने पहुंच गए। सचिन गड्ढे के अंदर जाकर पाइप लाइन ठीक करने लगा। पानी की वजह से मिट्टी धंसने लगी और सचिन नीचे फंस गया। सीवर लाइन के काम की वजह से ट्रैफिक पुलिस वहां मौजूद थी और ट्रैफिक को डायवर्ट कर रही थी। इसी दौरान वहां मौजूद होमगार्ड अनेकपाल ने अचानक आवाज सुनी कि मजदूर मिट्टी में धंस गया है। वह तुरंत दौड़ा और गड्ढे में उसकी जान बचाने के लिए कूद गया।
उसके जाते ही होमगार्ड ऋषिपाल, टीएसआई कमलेश ठाकुर, हेड कांस्टेबल सगीर आलम भी गड्ढे में कूद गए लेकिन मजदूर मिट्ठी धंसने और नीचे जा रहा था। इसी दौरान टीएसआई कमलेश ठाकुर ने तुरंत मजदूर के बाल पकड़े ताकि वह अंदर और जमीन में न धंसे। उसके बाद जेसीबी की मदद से साइड से मिट्टी हटाकर उसे खींचकर बाहर निकाला गया। टीएसआई कमलेश ठाकुर ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2018 एसडीआरएफ का कोर्स किया था। वह दो साल एसडीआरएफ में रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें आपदा के दौरान क्या करना चाहिए इसका अभ्यास है।
हेलीकॉप्टर क्रैश के दौरान होमगार्ड ने एक मेजर की बचाई थी जान
वर्ष 2008 में किला के ऊंचा गांव में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। जिसमें सेना के दो अधिकारी फंसे थे। उस दौरान वहां पर होमगार्ड ऋषिपाल मौजूद था। उसने हिम्मत दिखाते हुए हेलीकॉप्टर की खिड़की तोड़कर एक मेजर को बाहर निकालकर जान बचाई थी। टीएसआई ने बताया कि जब मजदूर हाथ हिला रहा था तो मिट्टी और नीचे गिर रही थी। ऐसे में उन्होंने समझदारी दिखाई और मजदूर को हाथ-पैर न हिलाने के लिए बोला। इसके अलावा ऋ षिपाल व अन्य पुलिसकर्मियों ने हिम्मत दिखाई और मजदूर को बाहर निकाला। उसे गाड़ी से अस्पताल ले गए। इलाज के करीब 10 मिनट बाद उसे होश आ गया और उसकी जान बच गई।