लखनऊः गर्मी में मिलेगी 8 लाख की आबादी को मिलेगी पेयजल समस्या से राहत, मंडलायुक्त ने किया निरीक्षण
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लखनऊ, अमृत विचार: इस गर्मी में गोमती नगर और इन्दिरा नगर की लगभग 8 लाख की आबादी की पेयजल की समस्या से राहत मिलेगी। गोमती नगर स्थित कठौता झील की विशेष मशीनों से सिल्ट निकालने का काम सोमवार को जल निगम ने शुरू कर दिया। सिल्ट निकलने से झील की छमता तीन गुना बढ़ जाएगी। सिल्ट निकालने में लगभग 20 दिन का समय लगेगा। इस बीच जलापूर्ति पर असर नहीं पड़ेगा। सोमवार को मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने कठौता झील का निरीक्षण करके सिल्ट निकालने का कार्य देखा। उन्होंने जल्द से जल्द सिल्ट निकालने के निर्देश दिए।
निरीक्षण में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, जीएम जलकल कुलदीप सिंह, चीफ इंजीनियर जलकल शमीम अखतर, अधिशासी अभियंता जलकल जोन 4 विकास शर्मा और नगर निगम व जलकल विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
20 से 25 दिन के लिए पानी स्टोर करने की है क्षमता
कठौता झील की लंबाई लगभग 1200 मीटर और चौड़ाई 600 मीटर है। झील के इनलेट प्वाइंट (जहां से पानी अंदर आता है) पर करीब डेढ़ लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी जमा हो गई थी। वर्तमान में कठौता झील मे 5 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी है। सिल्ट की सफाई काफी समय से न होने के कारण वर्तमान में केवल 20 से 25 दिन के लिए पानी स्टोर करने की क्षमता बची है। इस झील से गोमती नगर और इन्दिरा नगर की बड़ी आबादी को जलापूर्ति की जाती है। इससे गर्मी के समय क्षेत्र में लोगों को जलापूर्ति की समस्या का सामना करना पड़ता है।
मनोरथा गौशाला और अकबरनगर में होगा सिल्ट का इस्तेमाल
झील से सिल्ट निकालने में लगभग 9 करोड़ रुपये खर्च आएगा। नगर निगम झील से निकलने वाली सिल्ट का अकबरनगर और मनोरथा गौशाला के निर्माण में इस्तेमाल करेगा। जल निगम झील के बीच वाले हिस्से की सफाई के लिए ड्रेजिंग मशीन लगाएगा। सिल्ट निकालने के लिए जलकल विभाग 15 पोकलैंड मशीनें और डंपर की मदद से मिट्टी बाहर निकाल रहा है।
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