पीलीभीत: क्रीड़ा परिसर का काम तीन साल बाद भी अधूरा, उपकरण न लगाए जाने से परेशानी

पीलीभीत, अमृत विचार: परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की सुविधा के लिए बनाया गया क्रीड़ा स्थल का कार्य तीन साल बाद भी अधूरा है। आलम यह है कि तीन साल बीतने के बाद भी वहां उपकरण नहीं लग सके। इधर, वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट संरेडर न हो जाए। इसको लेकर डीआरडीए की ओर से कार्यदायी संस्था की अंतिम धनराशि भी हस्तांतरित कर दी थी।
इसके बाद भी कार्यदायी संस्था की ओर से कोई काम शुरु नहीं किया गया। खास बात यह है कि इसकी जानकारी विभागीय जिम्मेदारों तक नहीं है। ऐसे में क्रीड़ास्थल का भवन निष्प्रोय है। अब गदंगी का ढेर लगने शुरु हो गए हैं।
बता दें कि बीएसए कार्यालय परिसर में संचालित हो रहे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए क्रीड़ास्थल का प्रस्ताव पास किया गया था। यह कार्य वर्ष 2022-23 में स्वीकृत हुआ। जिसका बजट क्षेत्रीय सासंद विकास निधि से दिया गया था। इसके लिए करीब एक करोड़ का बजट स्वीकृति हुआ था। जिसका शिलान्यास तत्कालीन सासंद वरुण गांधी ने किया था। बजट मिलते ही यूपीपीसीएल की ओर से इसका निर्माण कार्य शुरु करा दिया गया था।
यहां पर बच्चों के लिए खेलने कूदने के लिए झूले, गेस्स आदि की व्यवस्था कराई जानी थी। साथ ही भवन में इनडोर गेम और शौचालय और हॉल बनाया गया है। माना जाता है कि क्रीड़ास्थल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह उन्हें खेलने, सीखने और सामाजिक कौशल विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। इस भवन का निर्माण वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूरा कर लिया गया था, लेकिन उपकरण न लगे होने के कारण हैंडओवर नहीं किया गया। साथ ही बजट में करीब 1.25 लाख रुपये की धनराशि भी शेष रह गई थी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31 मार्च से पहले बजट लैप्स न हो जाए।
इस वजह से डीआरडीए की ओर से यूपीपीसीएल संस्था को बजट जारी कर दिया गया। साथ ही निर्देश दिए थे कि वह क्रीड़ास्थल का शेष काम पूर्ण करने के बाद विभाग को हैंडओवर कर दें। लेकिन बजट मिलने के बाद भी काम शुरु नहीं हो सका है। बीएसए अमित कुमार सिंह ने बताया कि यह कार्य उनके संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो इसका पता कराकर हैंडओवर कराने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
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