बाराबंकी तक मेट्रो रेल के सपनों को लगें पंख : एससीएसटी आयोग अध्यक्ष ने सीएम को लिखा पत्र, राजधानी के सबसे करीबी जिले को मंजूरी का इंतजार

Barabanki, Amrit Vichar : क्या हो अगर लखनऊ में धाक जमा चुकी मेट्रो सीमा पार करते हुए बाराबंकी तक आ जाए। ऐसा हुआ तो नहीं है पर होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता। इस सपने को सच होने के लिए प्रयासों में कोई कमी नहीं है। एससीएसटी आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावच ने सूबे के मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रख दिया है।
भले ही यह अभी पत्र और सुझाव के रूप में ही है, पर इसे मंजूरी मिल गई तो बाराबंकी के दिन बहुरने में देर नहीं लगेगी। बाराबंकी जिले की धरा सम्पन्नता के मामले में किसी जिले से कमतर नहीं है। वह राजनीतिक विरासत, शैक्षिक उन्नति, सामाजिक सौहार्द, कृषि क्षेत्र हो या औद्योगिक हर लिहाज से बाराबंकी खुद को अलग ही खड़ा करता है। सूबे की राजधानी का सबसे नजदीकी जिला होने के चलते इसे विशेष महत्व भी मिलता रहा है। शासन सत्ता की नजर बाराबंकी पर हमेशा ही इनायत रही है यही वजह है कि विकासपरक योजनाओं में इस जिले का नाम पहले ही आता है। अब चूंकि बाराबंकी के एक बड़े हिस्से को लखनऊ में शामिल करने की कवायद भी चल रही है, ऐसे में जिले को विकास में ही नहीं बल्कि अन्य मामलों में भी गति पकड़नी होगी। इस गति का आशय लखनऊ की लाइफलाइन मेट्रो रेल परियाेजना है।
जिलावासियों का सपना भी है कि लखनऊ में चलने वाली मेट्रो रेल बाराबंकी तक सफर करे, जिससे यह जिला हर क्षेत्र में खुद को आगे साबित कर सके। इस सपने को पर लगाने का काम सूबे के अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने किया है, श्री रावत बाराबंकी के वासी तो हैं ही राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी भी हैं। उन्होने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बाराबंकी को लखनऊ मेट्रो से जोड़ने की मांग की है। सीएम को भेजे गए पत्र में उन्होने कहा कि बाराबंकी की लखनऊ से नजदीकी होने के कारण यहां के हजारों अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता, छात्र, व्यापारी एवं मरीज प्रतिदिन लखनऊ आते-जाते हैं, जिससे राजधानी के यातायात पर भारी दबाव पड़ता है।
आयोग अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि यदि बाराबंकी को मेट्रो रेल से जोड़ा जाए और यहां एक प्रमुख मेट्रो स्टेशन के साथ अंडरग्राउंड मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाए, तो इससे लखनऊ के ट्रैफिक दबाव में कमी आएगी और यात्रियों को भी राहत मिलेगी। बाराबंकी की भौगोलिक स्थिति और लखनऊ से निकटता के कारण इसे एससीआर (सब अर्बन कॉरिडोर रीजन) घोषित किया जा चुका है। साथ ही, जिले के कई क्षेत्रों को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में भी नामित किया गया है।
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