कानपुर में जिला जज प्रदीप कुमार व DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने जिला कारागार का किया निरीक्षण; जेल अधीक्षक से बातचीत भी की...

कानपुर, अमृत विचार। त्रैमासिक निरीक्षण के तहत बुधवार जिला न्यायाधीश प्रदीप कुमार सिंह और जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने जिला कारागार की कैंटीन, महिला व पुरुष बैरक, कैदियों के पुनर्वास से संबंधित कामों व जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। अस्पताल में दवा, साफ-सफाई का जायजा लेने के साथ कैदियों की जॉब वर्क के तहत बनाई चुनरी को भी देखा। बंदियों को निशुल्क अधिवक्ता सहायता के लिए कारागार अधिकारियों को निर्देश दिया।
जिला न्यायाधीश व डीएम ने सबसे पहले अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति व दवाओं की जानकारी ली। परिसर की साफ-सफाई देखी। वहीं कुछ बंदियों ने जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया कि जमानत न्यायालय से स्वीकृत की जा चुकी है, मगर जमानती न्यायालय में दाखिल नहीं किए गए हैं। बंदियों ने जमानत की धनराशि कम कराने का आग्रह किया तो जिला न्यायाधीश ने निरीक्षण के समय मौजूद चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल अखिलेश कुमार को जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिए। कहा कि जो बंदी जुर्म स्वीकारोक्ति के आधार पर अपने मुकदमों का निस्तारण कराना चाहते हैं, उनके प्रार्थना पत्र संबंधित न्यायालय में प्रेषित किया जाए।
जिला न्यायाधीश ने बंदियों से बातचीत कर मुकदमे की मौजूदा स्थिति, अपील, निशुल्क विधिक सहायता व लोक अदालत के संबंध में पूछताछ की। जो बंदी निजी अधिवक्ता की व्यवस्था करने में असमर्थ दिखे उन्हें निशुल्क अधिवक्ता प्रदान किए जाने के संबंध में कारागार अधिकारियों को निर्देश दिए। आटा गूंथने वाली मशीन चालू करवाकर देखा। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि कैंटीन में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों का पालन किया जाए। कैंटीन में लगे ईट राइट बोर्ड को स्पष्ट प्रदर्शित करें।
बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि महिला कैदियों के साथ रहने वाले बच्चों की पढ़ाई के लिए जरूरी कदम उठाए। उपायुक्त उद्योग को निर्देशित किया कि कैदियों के स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए कौशल योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाए। विशेष रूप से महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विश्वकर्मा योजना के तहत सिलाई मशीनें उपलब्ध कराए। इससे कैदियों के पुनर्वास और उनके भविष्य को बेहतर बनाया जा सकेगा।
निरीक्षण के दौरान अपर जिला जज-सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शुभी गुप्ता, डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्र, न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीषा, जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय, उपायुक्त उद्योग अंजनीश कुमार सिंह, बीएसए सुरजीत कुमार सिंह, कारागार चिकित्साधिकारी डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी आदि रहे।