प्रदेश के इतिहास में पहली बार हज कोटा नहीं भरा, कानपुर से 412 के करीब आजमीन, इटावा से मात्र इतने आजमीन...
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कानपुर, अमृत विचार। एक दशक पूर्व हज पर जाने के लिए मुसलमानों में इतनी तड़प होती थी कि लोग किसी भी कीमत पर मक्का पहुंचना चाहते थे लेकिन कोरोना काल को छोड़ दें तो हज के इतिहास में ये पहला मौका जब पूरे उत्तर प्रदेश से लगभग 10,000 आजमीन ही जा रहे हैं। इटावा जैसे शहर जहां से हर साल लगभग 150 से 200 आजमीन जाते थे, इस साल मात्र 14 आजमीन ही जाएंगे। कानपुर में हमेशा 1400 से 1800 के मध्य आजमीन होते थे लेकिन इस बार मुश्किल के लगभग 412 आजमीन ही हज पर जा रहे हैं। 29 अप्रैल से मदीना एयरपोर्ट के लिए हज की फ्लाइट शुरु हो जाएंगी।
उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी की जानिब से पहले 35000 लोग हज पर जाने के लिए फार्म भरते थे। केंद्र सरकार से 29000 का कोटा फिक्स होता था। लाटरी के माध्यम से नाम निकाले जाते थे। तमाम लोग दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सोर्स लगाकर अपना नाम हज की सूची में लाते थे। कानपुर के तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के कोटे से 200-200 लोग हज करने जाते थे लेकिन 2025 में हज के लिए यूपी में माज्ञ 10,000 लोग ही हज पर जाएंगे। स्थिति ये है कि यूपी के कोटे से दूसरे प्रांतों के आजमीन को भेजा जा रहा है। हज कमेटी के पूर्व मास्टर ट्रेनर हाजी शारिक अलवी बताते हैं कि इटावा में हर साल 150 से 200 आजमीन हज पर जाते थे। इटावा के आजमीन उन्हें ट्रेनिंग पर बुलाते थे लेकिन इस बार वहां से मात्र 14 आजमीन ही हैं।