bihar diwas 2025 : बिहार का ऐसा राजा, जिसे दहेज में मिले पडोसी देश 

bihar diwas 2025 : बिहार का ऐसा राजा, जिसे दहेज में मिले पडोसी देश 

अमृत विचार। शादियों में दहेज़ की प्रथा सालों पुरानी है। माता-पिता अपनी बेटी की शादी में दहेज में बहुत कुछ देते है लेकिन अगर कोई आपसे कहे कि किसी को दहेज में पाकिस्तान और अफगानिस्तान दें दिया तो क्या आप यकींन करेंगे, नहीं न। हम बात कर रहे है भारत के बिहार के एक ऐसे राजा की जिनको शादी के बाद दहेज में पाकिस्तान और अफगानिस्तान मिला था। वैसे तो भारत के राजाओं की शौर्य गाथा काफी सालों पुरानी है। लेकिन इस तरह की कहानी पहली बार है। 

ये कहानी है 326 ईसा पूर्व जब भारत पर सिकंदर ने आक्रमण किया था, लेकिन व्यास नदी को पार ही नहीं कर पाया था। उस समय मगध के राजा चन्द्रगुप्त मौर्य थे जिनके प्रधानमंत्री चाणक्य थे जिनके कारण ही तब सिकंदर को वापस लौटना पड़ा था। जबकि सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकेटर था जिसने व्यास नदी पार कर ली थी। 

चंद्र गुप्ता मौर्य की सेना में हाथियों की बहुत बड़ी एक फौज थी जिसका सिकंदर को अंदाजा नहीं था। लेकिन सिकंदर के सेनापति को इस बात का पता चलते ही हाथियों से लड़ने के लिए चला आया। चाणक्य चाहते थे कि हाथियों की सेना के सामने सिकंदर के सेनापति अपने घोड़ो की सेना को उतार दें। राजा चद्रगुप्त मौर्य ने बारिश का इंतज़ार किया ताकि पानी भर जाए जिससे वह युद्ध शुरू कर सकें। 

इत्तिहासकार मानते है कि युद्ध हार जाने के बाद सेनापति सेल्यूकस ने चंद्र गुप्त मौर्य से अपनी बेटी हेलन की शादी करा दीं और प्रथा के अनुसार दहेज में उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य को कंधार (अराकोसिया), मकरान /बलूचिस्तान (जेडरोसिया), काबुल (पैरोपेनिस्डाई) के इलाके दें दिए। इस तरह से पूरा अब का पाकिस्तान और अफगानिस्तान चंद्र गुप्त मौर्य को दें दिया गया। 

आज ही के दिन यानी 25 मार्च को बिहार 1912 में बंगाल प्रसिडेंसी से अलग होकर एक अलग राज्य बना था। बिहार राज्य को बुद्ध की धरती कहा जाता है, जिसे आज 113 साल हो गए है। 


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