शाहजहांपुर: प्रधान के भाई का अपहरण कर हत्या के मामले में देवेंद्र सिंह फौजी को उम्रकैद
वर्ष 1999 में डकैत कल्लू-नज्जू आदि के साथ मिलकर किया था अपहरण

शाहजहांपुर, अमृत विचार। कल्लू-नज्जू गिरोह में शामिल रहे देवेंद्र सिंह फौजी को वर्ष 1999 में प्रधान के भाई का अपहरण कर हत्या किए जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा और 30 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
थाना परौर के गांव मंझा दहिनिया निवासी गिरिंद सिंह की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया कि वह ग्राम पंचायत दहिनिया का प्रधान है। उसका भाई बदनपाल सिंह 12 अक्टूबर 1999 को मौसेरे भाई केशव सिंह निवासी मोहनिया, थाना मदनापुर के यहां मेहमानी खाने गया था। भाई बदनपाल सिंह, बहनोई रामप्रकाश और केशव खाना खाने के बाद रात में बैठक में सो रहे थे, तभी बदमाशों ने बैठक में आकर भाई बदनपाल सिंह का अपहरण कर लिया। इसकी जानकारी अगले दिन 13 अक्टूबर 1999 को मौसेरे भाई केशव ने सुबह आकर दी। भाई के अपहरण की खबर सुनकर वह मोहनिया गया, जहां रामेश्वर, रामप्रकाश, केशव व अन्य लोगों ने बताया कि रात करीब एक बजे केशव, रामेश्वर, रामनाथ आदि कई लोग बैठक में सो रहे थे, तभी नज्जू , दिनेश व महेश, बुल्ले निवासी मंझा दहिनिया, कल्लू, बच्चन निवासी पूरननगला , थाना परौर, देवेंद्र सिंह निवासी परनिया, थाना बीसलपुर, जनपद पीलीभीत ने हथियारों से लैस होकर प्रधान के भाई बदनपाल सिंह का अपहरण कर लिया और दक्षिण तरफ रामगंगा की कटरी में ले गए। गिरिंद सिंह ने आशंका जताई कि अपहरण करने वाले लोग कर उसके भाई बदनपाल सिंह की हत्या कर सकते हैं, क्योंकि नज्जू आदि बदमाश गिरोहबंद व पेशेवर किस्म के व्यक्ति हैं और नज्जू आदि बदमाशों से काफी समय से रंजिश चल रही है, इसी कारण भाई का अपहरण बदमाशों ने कर लिया है। तहरीर के आधार पर मदनापुर पुलिस ने 14 अक्टूबर 1999 को नज्जू, दिनेश, महेश, बुल्ले,कल्लू, बच्चन, देवेंद्र सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद विवेचना प्रारंभ कर दी।
28 दिसंबर 1999 को पीड़ित गिरिंद ने थाना जलालाबाद में उपस्थित होकर तहरीर दी कि उसके भाई बदनपाल सिंह की लाश गांव चचुआपुर के जंगल में पड़ी है। भाई के अपहरण की सूचना मदनापुर थाने में अंकित की जा चुकी है। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि 21 दिसंबर 1999 को जब वह गांव चाचुआपुर के पास कटरी पहुंचा तो उसके भाई की फटी हुई बनियान और तहमद पड़ा मिला, वहीं उसके भाई की लाश गड़ी है। जंगली जानवर द्वारा खोदकर लाश के कुछ हिस्से को निकाल लिया है। सूचना के आधार पर थाना जलालाबाद के एसआई सत्यभान सिंह मौके पर पहुंचे, जहां बदनपाल की हड्डियां गड्ढे में पड़ी थी, पास में ही कपड़े पड़े थे। पुलिस ने पंचनामा की कार्रवाई के बाद विवेचना के उपरांत आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिए। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश, त्वरित न्यायालय प्रथम, कक्ष संख्या 23 की कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और शासकीय अधिवक्ता संजीव सिंह के तर्को को सुनने के बाद पत्रावली का अवलोकन कर न्यायाधीश कृष्ण लीला यादव ने फौजी देवेंद्र सिंह को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा और तीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।