बाराबंकी: फर्जी दस्तावेजों के सहारे वरासत कराने का प्रयास, लेखपाल ने दर्ज कराई आरोपियों पर रिपोर्ट

बाराबंकी, अमृत विचार। कोतवाली नगर क्षेत्र में फर्जी दस्तावेजों के सहारे वरासत कराने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में क्षेत्रीय लेखपाल की तहरीर पर पुलिस में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही वरासत निरस्त कर दी गई है।
तहसील नवाबगंज में तैनात लेखपाल कमलेश कुमार शर्मा ने पुलिस को बताया कि मंशाराम पुत्र रामसागर निवासी ग्राम सोहराबाद मजरे पल्हरी ने वरासत के लिए 13 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया। इसमें कौशल्या पत्नी रामसागर की मृत्यु 9 जून 2024 को दर्शाते हुए खुद को एकमात्र वारिस बताया गया। लेखपाल की जांच में ग्रामवासियों के बयान और दस्तावेजों में भारी विसंगतियां पाई गईं।
आवेदन के साथ प्रस्तुत मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल, मतदाता पहचान पत्र और खतौनी की छायाप्रति में मृतका का नाम राजदेई उर्फ कौशल्या दर्ज था। जब लेखपाल ने ग्रामवासियों से मौके पर पूछताछ की, तो अभय राज राजपूत, चंदन, राममनोहर, शोभाराम और प्रदीप सहित अन्य गवाहों ने पुष्टि की कि कौशल्या उर्फ राजदेई एक ही हैं, लेकिन उनके वारिस के बारे में भ्रम फैलाया गया। जांच में यह भी सामने आया कि प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में नामों को लेकर गड़बड़ी की गई, और कुछ अभिलेख कूटरचित थे।
फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद 11 मार्च को तहसीलदार नवाबगंज के न्यायालय में वरासत निरस्तीकरण का कागज प्रस्तुत किया गया। इसके आधार पर वरासत आदेश को निरस्त करने के साथ ही खतौनी से हटा दिया गया। आरोप है कि मंशाराम पुत्र रामसागर और अन्य व्यक्तियों ने सुनियोजित तरीके से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी वरासत कराई। जांच के दौरान पता चला कि इन व्यक्तियों ने जानबूझकर झूठे प्रमाण प्रस्तुत किए और वारिसात की गलत जानकारी देकर सरकारी अभिलेखों में हेरफेर करने का प्रयास किया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है।
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