… तो मुख्यमंत्री धामी की कैबिनेट में जनपद नैनीताल को मिलेगी जगह

… तो मुख्यमंत्री धामी की कैबिनेट में जनपद नैनीताल को मिलेगी जगह

हल्द्वानी, अमृत विचार : प्रदेश में सियासी उथल पुथल के बीच नैनीताल जनपद को कैबिनेट मंत्री मिलने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। सत्ताधारी भाजपा को पांच विधायक देने वाला जिला अभी भी मंत्री विहीन है। सिर्फ वर्ष 2021 में छह माह के लिए कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इसके बाद से जिले को किसी भी सीएम की कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। 

वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और बागडोर तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई। तब जिले से लालकुआं, कालाढूंगी, नैनीताल, रामनगर से कुल चार विधायक भाजपा के चुने गए। कांग्रेस से तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष स्व. इंदिरा हृदयेश ने हल्द्वानी और निर्दलीय राम सिंह कैड़ा ने जीत दर्ज की थी हालांकि टीएसआर-1 की कैबिनेट में जिले को प्रतिनिधित्व नहीं मिला। फिर 16 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। टीएसआर-2 की कैबिनेट में भी जिले के सीनियर एवं कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत को शहरी विकास, खाद्य आपूर्ति, विधायी कार्यमंत्री बनाया गया। 4 जुलाई को तीरथ सिंह रावत के हटते ही कैबिनेट भंग हो गई। बाद में खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री चुना गया। उनका प्रथम कार्यकाल 4 जुलाई से 11 मार्च 2022 तक रहा फिर चुनावी बिगुल फूंक गया और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव हुए।

इसमें जिले से एकमात्र हल्द्वानी छोड़कर पांचों सीटों पर भाजपा की जीत हुई। कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे हरीश रावत की भी लालकुआं से जबरदस्त हुई। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री धामी की कैबिनेट में नैनीताल जिले से प्रतिनिधित्व मिल सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिले की झोली इस बार भी खाली रही। इसके बाद 26 अप्रैल 2023 को परिवहन मंत्री चंदन राम दास का निधन हो गया। जिसके बाद कयास लगने शुरू हुए कि अब कि बार नैनीताल जिले का कद बढ़ाया जा सकता है लेकिन इस बार भी निराशा हाथ लगी। इधर वित्तमंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद कैबिनेट में रिशफलिंग की चर्चाएं तेज हो गई हैं। जिससे संभावना जताई जा रही है कि इस बार जिले से किसी को मंत्री बनाया जा सकता है। जिले के विधायकों ने भी देहरादून से दिल्ली  दरबार तक सेटिंग गेटिंग के खेल शुरू कर दिया है।

पांच पद हैं रिक्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में वर्तमान में पांच पद रिक्त हैं। दरअसल, सरकार बनने के समय से ही कैबिनेट मंत्रियों के तीन पद रिक्त रहे। फिर परिवहन मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद भी उनकी कुर्सी किसी को नहीं दी गई। अब वित्तमंत्री अग्रवाल के इस्तीफे के बाद यह संख्या चार से बढ़कर पांच हो गई है। देखना यह है कि इन पदों पर किस को मौका मिलता है।

 

मंत्री बनने की दौड़ में इनके नाम

कैबिनेट में जगह पाने को लेकर विधायकों के अरमान भी जाग गए हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल, मदन कौशिक एवं बंशीधर भगत, अरविंद पांडेय और खजान दास वरिष्ठ हैं, साथ ही कैबिनेट में रह चुके हैं ऐसे में इनकी दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत मानी जा रही है। वहीं, मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, राम सिंह कैड़ा, सुरेश गढ़िया के नाम भी चर्चा में है।  

 

वर्ष 2012 में डॉ. इंदिरा हृदयेश के बाद नहीं मिला पूर्णकालिक कैबिनेट मंत्री

हल्द्वानी : तत्कालीन कांग्रेस सरकार में वर्ष 2012 में हल्द्वानी विधायक इंदिरा हृदयेश को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उनके पास लोनिवि, संसदीय कार्य मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण विभाग थे। वह लगातार पांच साल तक कैबिनेट मंत्री रहीं, वर्ष 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। उनके बाद से किसी भी विधायक को पांच साल तो एक साल के लिए भी कैबिनेट में जगह नहीं मिली।

 

 

 

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