AKTU Admission: CUET के जरिए होगा B.Tech में एडमिशन, हर बार खाली रह जाती है आधी से ज्यादा सीट्स

लखनऊ, अमृत विचार: दशक भर पहले तक इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए अत्यंत कठिन प्रवेश परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता था। जिसके लिए छात्र-छात्राएं साल दो साल पहले से कोचिंग से लेकर टयूशन तक किया करते थे। प्रवेश परीक्षा में मेरिट में स्थान बनाने वालों का ही इंजीनियर बनने का सपना साकार हो पाता था। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। प्रदेश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाला डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) और उससे संबद्ध 750 से अधिक महाविद्यालयों में इंजीनियरिंग की डेढ़ लाख से अधिक सीटें हैं जो पिछले 2-3 सत्रों से खाली रह जा रही हैं। इन सीटों को भरने के लिए एकेटीयू ने बीटेक की सीटों पर सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) से प्रवेश का विकल्प खोला है। सत्र 2025-26 से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) में प्रवेश के लिए छात्रों को यह विकल्प उपलब्ध है।
एकेटीयू के 750 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज की डेढ़ लाख से अधिक सीटों पर प्रवेश के लिए जेईई मेंस में शामिल होने वाले छात्रों को ही प्रवेश के लिए मौका देता था। जिसके बाद काउंसलिंग और मेरिट के बेस पर छात्रों को बीटेक कोर्स में एडमिशन दिए जाते थे। लेकिन अब जेईई मेंस के अलावा सीयूईटी की मेरिट के आधार पर भी छात्रों को बीटेक में प्रवेश देने की तैयारी है। उल्लेखनीय है कि एकेटीयू ने 5 वर्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था को खत्म करके जेईई मेंस को आधार बनाकर स्टेट लेवल काउंसिलिंग आयोजित कर बीटेक में प्रवेश लेना शुरू कर दिया था।
सत्र के अनुसार खाली सीटें
कुल सीटें करीब 1,50,000
सत्र 2024-25 में 45 हजार सीट पर प्रवेश
सत्र 2023-24 में 35 हजार सीटों पर प्रवेश
सत्र 2022-23 में 20 से 25 हजार सीटों पर प्रवेश
क्यों नहीं भर पा रही हैं सीटें
इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद भी रोजगार का संकट खड़ा हो रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि इंजीनियरिंग संस्थानों ने वक्त के साथ बदलती तकनीकी के साथ कदम नहीं बढ़ाया था। हांलाकि गत कुछ वर्षो से एकेटीयू रोज इस दिशा में प्रयास शुरू कर चुका है। दूसरा सबसे बड़ा कारण है कि अब अनेक विश्वविद्यालयों ने भी अपने इंजीनियरिंग संकाय को शुरू कर दिया है। इसके अलावा ऑटोनामस कॉलेजों ने भी इंजीनियरिंग संकाय आरंभ किया है। प्रदेश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने वाले प्राईवेट संस्थाओं और विश्वविद्यालयों की भरमार भी हो चुकी है।
अभी तक बीटेक कोर्स में एडमिशन के लिए जेईई मेंस एग्जाम में बैठे छात्रों को ही मौका मिलता था। लेकिन इस बार से सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश लेने की तैयारी है। इसके लिए एक प्रस्ताव बनाकर विश्वविद्यालय की तरफ से शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। जेईई और सीयूईटी के अलावा खाली सीटों पर कॉलेज बीटेक में 12वीं की मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश ले सकते हैं यदि उन्होंने 12वीं में भौतिकी, रसायन और गणित विषय रखा हो।
डॉ. पवन त्रिपाठी, प्रवक्ता, एकेटीयू
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