प्रयागराज : संभल की जामा मस्जिद में सफेदी करवाने के मामले में एएसआई से मांगा स्पष्टीकरण

प्रयागराज : संभल की जामा मस्जिद में सफेदी करवाने के मामले में एएसआई से मांगा स्पष्टीकरण

Amrit Vichar, Prayagraj : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को संभल जामा मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा मस्जिद में सफेदी कराने की अनुमति मांगने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए  भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिवक्ता को निर्देश दिया कि अगर उनका दावा है कि संरक्षित स्मारक की सफेदी कराने की अनुमति नहीं दी जा सकती तो वे इसे अपने हलफनामे में स्पष्ट करें। हालांकि एएसआई का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता के यह कहने पर कि यह उनका तर्क नहीं है, कोर्ट ने उन्हें पिछली सुनवाई के दौरान दिए गए उनके मौखिक कथन की याद दिलाई, जहां उन्होंने तर्क दिया था कि किसी भी संरक्षित स्मारक पर सफेदी की अनुमति नहीं दी जा सकती।

एएसआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद समिति ने मस्जिद में मरम्मत और नवीनीकरण के कई कार्य किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऐतिहासिक संरचना में परिवर्तन हुआ है । इस पर न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकलपीठ ने एएसआई के अधिवक्ता से हलफनामे में यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी आवश्यक है, क्योंकि मस्जिद प्रबंधन समिति ने विशेष रूप से मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी की मांग की थी। हालांकि एएसआई ने पहले ही कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया है कि संभल में शाही जामा मस्जिद पूरी तरह से अच्छी स्थिति में है, और इसमें पुनः रंग-रोगन की कोई आवश्यकता नहीं है।

एएसआई को हलफनामा दाखिल करने के लिए 12 मार्च तक का समय दिया और मस्जिद समिति को आश्वासन देते हुए कि मामले का फैसला "महत्वपूर्ण" दिन से पहले हो जाएगा, मामले की सुनवाई आगामी 12 मार्च को सूचीबद्ध कर दी गई है। मालूम हो कि गत 28 फरवरी को कोर्ट ने एएसआई को मस्जिद परिसर की सफाई का काम करने का निर्देश दिया था, जिसमें अंदर और आसपास की धूल और वनस्पति को हटाना भी शामिल था। अंत में कोर्ट ने एएसआई के दो अधिकारियों को बाहर से स्मारक का दौरा कर वहां आवश्यक मरम्मत का अनुमान लगाने का निर्देश दिया है।

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