स्विमिंग पूल में नहाते वक्त सिर पानी में डूबा तो टूट जाएगा रोजा, नौकरी कर रही महिलाओं के लिए जरूरी है यह काम

लखनऊ, अमृत विचार। रमजान शुरू होने के साथ ही शिया व सुन्नी रोजेदारों के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन शुरू हो गई है। इस हेल्पलाइन पर रोजेदार इबादत से जुड़े मुद्दों पर अपनी समस्याओं का समाधान हासिल कर सकते हैं।
शिया हेल्पलाइन
कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैयद सादिक़ हुसैनी शीराज़ी की ओर से जारी शिया हेल्पलाइन पर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी ने सवालों के जवाब दिये। महिलाओं के सवालों के जवाब महिला विद्वान ने दिये। सुबह 10 से 12 बजे के बीच इस हेल्पलाइन पर पूछा गया कि अगर रोजेदार एयर होस्टेस अपने यात्रियों को भोजन और पानी देती है तो क्या हुक्म है? जवाब में कहा गया कि यात्रियों को भोजन और पानी देने में कोई समस्या नहीं है, रोज़ा सही रहेगा। दूसरा सवाल आया कि रोजेदार महिला कार्यालय में गैर मर्दों के साथ काम करती है तो क्या हुक्म है? जवाब में बताया गया कि महिला का रोज़ा सही है, लेकिन हिजाब अनिवार्य है। एक रोजेदार ने पूछा कि क्या रोज़े की हालत में स्विमिंग पूल में नहाया जा सकता है? इसके जवाब में बताया गया कि अगर स्विमिंग पूल में नहाते समय पूरा सिर पानी मे डूब जाए तो रोज़ा टूट जाएगा। एक रोजेदार ने पूछा कि नमाज़-ए-शब का क्या समय है? जवाब में बताया गया कि आधी रात के बाद से लेकर सुबह की अज़ान से पहले नमाज-ए-शब पढ़ सकते हैं।
सुन्नी हेल्पलाइन
इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया के तहत दारुल निजामिया फिरंगी महल में रोजेदारों की दीनी रहनुमाई के लिए रमजान हेल्पलाइन कायम की गयी है। इस हेल्पलाइन पर मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली की अध्यक्षता में गठित धर्मगुरुओं का एक पैनल सवालों के जवाब दे रहा है। इस हेल्पलाइन पर 9416023970 और 7007705774 सवाल पूछे जा सकते हैं।
एक रोजेदार ने पूछा कि अगर रोजे की हालत में किसी के मुंह से खून आ जाए तो रोजे का क्या हुक्म है? जवाब में कहा गया कि अगर खून हलक के अंदर नहीं जाता है तो रोजे पर कोई असर नहीं होगा। हेल्पलाइन पर सवाल आया कि कौन सी बातें हैं जिनसे रोजा मकरूह हो जाता है? सवाब में बताया गया कि कोयले से दांत मांझना, गाने-बजाने में लगा रहना और जान बूझकर थूक निगलने से रोजा मकरूह हो जाता है।
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