सर्दी की वजह से बढ़ रहे चेस्ट इंफेक्शन के मरीज: दिल व दिमाग ही नहीं, फेफड़ों को भी पहुंच रहा नुकसान, ऐसे करें बचाव...

सर्दी की वजह से बढ़ रहे चेस्ट इंफेक्शन के मरीज: दिल व दिमाग ही नहीं, फेफड़ों को भी पहुंच रहा नुकसान, ऐसे करें बचाव...

कानपुर, अमृत विचार। कड़ाके की सर्दी सिर्फ दिल और दिमाग ही नहीं, बल्कि फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा रही है। लोगों के फेफड़े में इंफेक्शन हो रहा है। इस वजह से ऐसे मरीजों को जुकाम, खांसी, सांस लेने में तकलीफ व बुखार आदि की समस्या हो रही है। यह समस्या उन मरीजों में अधिक देखी जा रही है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। इस मरीजों में बुजुर्ग के साथ युवा भी शामिल हैं। 

सर्दी के मौसम में लोगों को सीने में दर्द, जलन, सांस लेने में समस्या, खांसी, जुकाम, बुखार, कमजोरी आदि की समस्या हो रही है। हैलट के मेडिसिन विभाग और मुरारीलाल चेस्ट अस्पताल में आने वाले ऐसे 20 प्रतिशत लोगों के फेफड़ों में इंफेक्शन की समस्या देखी जा रही है, जिनमे कुछ पुराने मरीज भी शामिल हैं। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ.एमपी सिंह ने बताया कि हैलट अस्पताल की ओपीडी में चेस्ट इंफेक्शन के मरीज वर्तमान में आ रहे हैं। सर्दी के मौसम में लोग पास-पास उठते व बैठते हैं और खांसते व छींकते हैं। 

इसके अलावा अलाव जलाकर और रूम हीटर की मदद से सर्दी से बचाव का प्रयास करते हैं। साफ-सफाई का विशेष ध्यान नहीं रखते, ऐसे में व्यक्ति को जुकाम होता है तो वह उसे नजरअंदाज करते हैं। धीरे-धीरे व्यक्ति चेस्ट इंफेक्शन की गिरफ्त में आ जाता है।

फेफड़ों में संक्रमण के मुख्य लक्षण

खांसी, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, थकान, वजन कम होना, रात में पसीना आना, भूख न लगना, घरघराहट, हृदय गति बढ़ना, बलगम में खून आना समेत अन्य लक्षण फेफड़ों के संक्रमण के होते हैं। अधिकतम दो दिन में अगर तबीयत सामान्य न हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।

ऐसे करें बचाव 

- गंदे हाथों से चेहरे और मुंह को न छुएं ।
- धुएं के पास न रहें और भीड़ से बचें।
- कोहरा, धुंध होने पर बाहर कम निकलें।
- पौष्टिक भोजन लें व बासी के सेवन से बचें।
- तीन-चार बार गुनगुने पानी से गरारा करें।
- तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टर को दिखाएं।

30 बेड का सर्जिकल आईसीयू, चार मॉड्यूलर ओटी 

नए भवन में ग्राउंड फ्लोर पर रिसेप्शन, बिलिंग काउंटर, पहली मंजिल पर 30 बेड का सर्जिकल आईसीयू बनेगा, जो मॉड्युलर आईसीयू की तरह काम करेगा। दूसरी मंजिल पर जनरल वार्ड तीसरी पर चार मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और चौथी मंजिल पर प्राइवेट वार्ड होंगे।

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