नैनीतालः अब्दुल मलिक की जमानत याचिका निरस्त
अमृत विचार, नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट की खण्डपीठ ने हल्द्वानी दंगा के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक की जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई करते हुए आज अपना निर्णय सुनाया। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश नरेंद्र व वरिष्ठ न्यायमूर्ती मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने निर्णय देते हुए उनकी जमानत याचिका को निरस्त करते हुए कहा कि आप निचली अदालत में जमानत के लिए आवेदन करें। साथ में निचली अदालत चार्ज शीट व अन्य का अवलोकन करके निर्णय पारित करें।
साथ मे कोर्ट ने यह भी कहा है कि पूर्व के आदेश का अवलोकन करके आदेश पारित करें। इस मामले पर 2 जनवरी को मुख्य न्यायधीश अध्यक्षता वाली खंण्डपीठ ने मामले को सुनवाई के बाद निर्णय शुरक्षित रख लिया था जुसपर मामले की सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट ने इसपर अपना आदेश दिया।
मामले के अनुसार 8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में अतिक्रमण हटाने गई प्रशाशन व पुलिस की टीम पर साजिश कर्त्ता सहित अतिक्रमणकारियों व कई अन्य लोगो ने पथराव, आगजनी और गोलीबारी की। दंगे के दौरान दंगाईयो ने कई गाड़ियों सहित थाने को घेरकर गोलाबारी की। जिसमे कई लोगों की मौके पर मौत हो गयी और 100 से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस की जांच के बाद पुलिस ने 100 से अधिक दंगाईयो को गिरफ्तार किया जिसमें से एक आरोपी अब्दुल मलिक भी था।
आज उनके द्वारा जमानत प्रार्थनपत्र में यह भी कहा है कि जिस दिन यह घटना हुई वे वहां न होकर दिल्ली में थे। उन्हें वेबजह फंसाकर उनके ऊपर दंगा भड़काने और दंगाईयो का साथ देने का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। जब अपराध किया ही नही तो झूठा मुकदमा किस आधार पर दर्ज किया गया। इसलिए उन्हें जमानत दी जाय। अतिक्रमण करने के मामले में उन्हें एकलपीठ से जमानत मिल चुकी है। आज उनकी जमानत प्रार्थनपत्र की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने की।