पहाड़ की संस्कृति व परंपरा को खास बनाता है उत्तरायणी कौतिक

पहाड़ की संस्कृति व परंपरा को खास बनाता है उत्तरायणी कौतिक

कालाढूंगी, अमृत विचार: आरंभ एक पहल संस्था के तत्वावधान में सिंचाई विभाग के बंगले में आयोजित नवम उत्तरायणी कौतिक महोत्सव के सातवें दिन कार्यक्रम का शुभारंभ नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किया। इस अवसर पर कुमाउनी कलाकार श्वेता मेहरा ने एक से बढ़कर एक गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। महोत्सव में विभिन्न प्रकार के खानपान और महिला समूहों के उत्पादों के स्टॉल लगाए गए, जहां लोगों ने जमकर खरीदारी की। 


मुख्य अतिथि यशपाल आर्य ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सात-सुरों की जुगलबंदी के साथ पहाड़ी संस्कृति की झलक ने इस महफिल को और भी खास बना दिया। ऐसे आयोजनों से आज का युवा समाज पहाड़ की संस्कृति और परंपराओं को पहचान पा रहा है उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि उत्तरायणी कौतिक पहाड़ की संस्कृति और परंपरा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोक कलाकार श्वेता मेहरा ने अपने लोकप्रिय गीत मैं पहाड़न, मेरा ठुमका पहाड़ी... और चहा क होटल खोलूंलो इत्ती टनकपुर सहित कई गीतों पर नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष राहुल पंत, निवर्तमान ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष हीरा बल्लभ बधानी, पूर्व विधायक प्रतिनिधि कृपाल सिंह बिष्ट, व्यापार मंडल अध्यक्ष मुकेश वर्मा, भारती बिष्ट, अशोक जोशी, एसआई रमेश पंत, मदन बजवाल, नवीन छिमवाल, चंद्रशेखर बुडलाकोटी, दीपक तिवारी, नीरज जोशी सहित कई लोग मौजूद रहे।