आज का संपादकीय: बौखलाए नक्सलवादी
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। इसके बावजूद नक्सलवादियों के हौंसले बुलंद हैं। थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद वे किसी घटना को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में कुटरू थाना क्षेत्र के अंतर्गत अम्बेली गांव के करीब नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबलों के वाहन को उड़ा दिया। घटना में दंतेवाड़ा जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान शहीद हो गए हैं तथा वाहन चालक की भी मृत्यु हो गई।
गौरतलब है कि दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर जिले के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान पर रवाना किया गया था। दल जब अभियान से वापस लौट रहा था तभी नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबलों के वाहन को उड़ा दिया। पिछले दो वर्षों में सुरक्षाकर्मियों पर यह नक्सलियों द्वारा किया गया सबसे बड़ा हमला है। 26 अप्रैल, 2023 को, दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा कर्मियों को ले जा रहे काफिले का हिस्सा रहे वाहन को नक्सलियों ने उड़ा दिया, जिसमें दस पुलिसकर्मी और एक नागरिक चालक की मौत हो गई।
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज ने बताया कि अबूझमाड़ में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना पर कार्रंवाई करते हुए नारायणपुर, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कोंडागांव और स्पेशल टास्क फर्स की डीएरजी टीमों ने एक संयुक्त अभियान चलाया। कुटरू अबूझमाड़ के पास है, जहां पिछले हफ्ते मुठभेड़ हुई थी। इसमें पांच माओवादियों को मार गिराया गया था और डीआरजी के जवान की भी माओवादियों ने हत्या कर दी थी।
इससे नक्सलवादी बौखलाए हुए हैं। विस्फोट उसी का नतीजा है। छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद मुक्त करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मार्च 2026 का लक्ष्य रखा है। दिसंबर महीने में अमित शाह ने नक्सल प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। नक्सलियों ने विस्फोट करके एक बार फिर चुनौती पेश की है। उन्होंने संदेश देने की कोशिश की है अपने खिलाफ कार्रवाई से उनका मनोबल डिगा नहीं है।
नक्सलवाद की विकटता को देखते हुए यह राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। नक्सलियों ने शक्तिशाली विस्फोटक उपकरण (आईईडी) का इस्तेमाल विस्फोट में किया है। तय है कि नक्सलवादियों तक पहुंचने वाले अत्याधुनिक हथियार, साजो-सामान व वित्तीय मदद रोक पाने की दिशा में किेए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। पुलिस सुरक्षा बलों और खुफिया तंत्र का तालमेल ठीक से नहीं बन पा रहा है। इस दिशा में व्यावहारिक उपाय अमल में लाने होंगे। सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाना होगा।