Barabanki News : एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई को लेकर लेखपालों में आक्रोश

Barabanki News : एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई को लेकर लेखपालों में आक्रोश

बाराबंकी, अमृत विचार : साजिशन, झूठा फंसाए जाने की नीयत से साधारण शिकायत व एंटी करप्शन एवं विजीलेंस टीम द्वारा जबरन ट्रैप की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांगों को लेकर शनिवार को सिरौलीगौसपुर, रामनगर और रामसनेहीघाट समेत जनपद की सभी तहसीलों में लेखपाल संघ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। संघ ने जिलाधिकारी समेत तहसील प्रशासन के अधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। 

ट्रैप करने की कार्रवाइयों पर लगे रोक
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ सिरौलीगौसपुर ईकाई ने तहसील के गेट पर धरना देकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन मांग पत्र जिला अधिकारी सत्येन्द्र कुमार को सौंपा। ज्ञापन में लेखपालों ने मांग करते हुए कहा कि एंटी करप्शन विजलेंस टीम द्वारा जबरन ट्रैप करने की कार्रवाइयों पर रोक लगाई जाए। भूमि विवाद सहित अधिकांश समस्याओं से संबंधित मामले निस्तारण के लिये लेखपाल के पास आते हैं। दो पक्षों के विवाद के निस्तारण सम्बंधी की गयी कार्रवाई से किसी एक पक्ष का असन्तुष्ट होना स्वाभाविक है। लेखपाल को क्षेत्र की राजनीति में घसीटने का प्रयास किया जाता है। लेखपालों के खिलाफ साजिश करके एंटी करपशन टीम द्वारा पकड़वाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। जबरन जेब, हाथ, वाहन या कक्ष में पैसा रख दिया जाता है। टीम द्वारा जबरन पकड़ कर लेखपाल पैसा रखवा कर के हाथ धुलवाया जाता है।

जबरन फंसा रही एंटी करप्शन टीम
एंटी करप्शन टीम द्वारा लेखपालों को रिश्वत लेने के मामले में फर्जी तरीके से फंसाये जाने का आरोप लगाते हुए आक्रोशित लेखपालों ने तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। शनिवार को तहसील रामनगर के लेखपाल संघ के अध्यक्ष व मंत्री राकेश कुमार की अगुवाई दो दर्जन लेखपालों ने रिश्वत लेने की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई का विरोध जताते हुए तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया।

साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को देकर कहा कि एंटी करप्शन टीम द्वारा सामान्य शिकायत के आधार पर वास्तविक तथ्यों का परीक्षण किए बगैर शिकायतकर्ता को उकसाकर स्वयं बोल-बोलकर शिकायती पत्र लिखवाया जाता है और प्री ट्रैप जांच की कागजी औपचारिकता कर, उसी दिन अथवा अगले दिन लेखपाल को फर्जी तरीके से फंसाने के विभिन्न प्रयास करके गिरफ्तार कर लिया जाता है। जबकि अधिकतर मामलों में संबंधित शिकायत से लेखपाल का कोई लेना देना भी नहीं होता। न ही उसके द्वारा रिश्वत मांगी जाती है।

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