पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा की गिरफ्तारी पर लगी रोक, पीएफ धोधाखड़ी मामले में जारी हुआ था वारंट
नई दिल्ली। पीएफ धोखाधड़ी के मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। उथप्पा को यह अंतरिम राहत न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अध्यक्षता वाली पीठ ने दी है। वारंट और पीएफ मामले से संबंधित सभी कार्रवाईयों पर अंतरिम रोक लगा दी। यह फैसला रॉबिन उथप्पा की उस याचिका पर सुनाया गया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ जारी वसूली नोटिस और गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने की मांग की थी। उनके खिलाफ यह वारंट क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त एवं वसूली अधिकारी के आदेश पर बेंगलुरु पुलिस ने जारी किया था, जिसमें उथप्पा की गिरफ्तारी तय मानी जा रही थी।
रिपोर्ट के मुताबिक उथप्पा सेंटोरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हिस्सेदार हैं। इस कंपनी में उथप्पा साल 2018 से लेकर 2020 तक इसमें डायरेक्टर के पद पर मौजूद थे। यह कंपनी कर्मचारियों के वेतन से काटे गए रुपये उनके पीएफ खातों में जमा करने में विफल रही, जिसके कारण लगभग 24 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई।
पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा की तरफ से पेश हुए वकील प्रभुलिंग नवदगी ने बताया कि साल 2020 में कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था। जबकि वो 2 साल के कार्यकाल में दिन प्रतिदिन के संचालक के तौर पर कंपनी में शामिल नहीं थे। उथप्पा का कंपनी के संस्थापक थंडानंद हवड़े के साथ अनुबंध हुआ था।
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