Kanpur में कई जीएसटी अधिकारी रडार पर, करोड़ों के पान मसाला लदे ट्रकों को छोड़ने पर अधिकारियों के निलंबन से मचा है हड़कंप
कानपुर, अमृत विचार। राज्य कर आयुक्त की ओर से शनिवार को कानपुर में तैनात चार राज्य कर अधिकारियों के निलंबन के बाद विभाग में हड़कंप मचा है। पान मसाला की चार गाड़ियां छोड़ने पर की गई यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी विभागीय कार्रवाई मानी जा रही है। आधिकारिक सूत्रों की माने तो औद्योगिक इकाइयों की निगरानी में लगे कई और अधिकारी भी विभाग के रडार पर आ गए हैं। इकाइयों की निगरानी में लगे कई असफरों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों ने तलब की है। जानकारी के मुताबिक शासन को कुछ सहायक आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्तुति की गई है।
पान मसाला और लोहा इकाइयों में टैक्स चोरी रोकने के लिए प्रमुख सचिव राज्य कर एम देवराज ने 24 नवंबर को फैक्ट्रियों के बाहर सहायक आयुक्तों और राज्य कर अधिकारियों की टीमें बनाकर रोटेशन से ड्यूटी लगाई थी। निर्देश दिए गए थे कि क्रॉस चेकिंग में यदि कोई ट्रक बिना ई-वे बिल के माल ले जाता पकड़ा गया तो वहां तैनात अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उद्यमी व व्यापारी लगातार इस निगरानी कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को कानपुर से बिना ई-वे-बिल के करोड़ों रुपये का पान मसाला लेकर निकले चार ट्रकों को लखनऊ में पकड़ा गया था। इसे लेकर चार अधिकारियों के निलंबन के बाद उच्चाधिकारियों ने निगरानी कार्य में लगे अधिकारियों की रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा ऐसे अधिकारी जिनकी शिकायत पूर्व में आ चुकी है उन्हें भी रडार पर रखा गया है।
औद्योगिक इकाइयों पर रहेगा पहरा
पान मसाला और लोहा उद्योग की इकाइयों के बाहर एसजीएसटी का पहरा फिलहाल जारी रहेगा। दो जनवरी तक ऐसी औद्योगिक इकाइयों के बाहर अधिकारियों की ओर से निगरानी की जाएगी। शहर में पान मसाला उत्पादन इकाइयों के बाहर 7 व लोहा कारोबार की निगरानी के लिए माल वाहनों की जांच में 23 टीमें लगाई गई हैं। निगरानी की जद में आने वाली पान मसाला कंपनियों में मधु, शिखर, शुद्ध प्लस, केसर, तिरंगा जैसी प्रमुख इकाइयां शामिल हैं। इसी तरह लोहा कारोबार में रिमझिम इस्पात की इकाई के बाहर सख्त निगरानी जारी है।